सार्वभौमिक सम्राट थे विक्रमादित्य

सार्वभौमिक सम्राट थे विक्रमादित्य

ब्रम्हध्वज की स्थापना तथा सूर्य उपासना के साथ हुआ विक्रमोत्सव का शुभारंभ

बांधवभूमि न्यूज 

मध्यप्रदेश

उमरिया 
नव वर्ष विक्रम संवत पर विशेष कार्यक्रम स्थानीय सामुदायिक भवन मे ब्रम्हध्वज की स्थापना तथा सूर्य उपासना के साथ संपन्न हुआ। इस मौके पर मुख्य वक्ता कमलेश्वर मिश्रा ने कहा कि विक्रमादित्य की छवि एक सार्वभौमिक सम्राट की थी। जो केवल राजनैतिक ही नही बल्कि सांस्कृतिक, साहित्यिक और न्यायिक रूप से भी अद्वितीय थे। नूतन हिंदू नव वर्ष तथा चैत्र शुक्ल प्रतिपदा की शुभकामनायेंं देते हुए उन्होने कहा कि यह दिन सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है। सम्राट विक्रमादित्य द्वारा शकों को हराकर राज्य की स्थापना व जीत की खुशी मे विक्रम संवत आरंभ किया गया था। सांथ ही मालवा उज्जैन मे काल चक्र गणना की गणितीय शुरूआत की गई, जो प्रमाणिक है। यह दिन अनेक प्रकार की पौराणिक घटनाओं का प्रतीक है। राष्ट्र निर्माण मे अहम भूमिका निभाने वाले डॉ. केशव हेडगेवार का जन्म भी प्रतिपदा के दिन ही हुआ था। इस मौके पर श्री मिश्रा ने उपस्थित जनो से नव वर्ष के दिन नव राष्ट्र निर्माण से जुडने का संकल्प लेने की अपील की।

महानायक थे सम्राट: शिवनारायण
विधायक बांधवगढ शिवनारायण सिंह ने सम्राट विक्रमादित्य को महानायक बताते हुए कहा कि सीमाओं मे विस्तार के साथ ही न्यायप्रियता तथा श्रेष्ठ राज्य संचालन कर उन्होने जनता के बीच काफी लोकप्रियता हांसिल की थी। उनकी छवि एक आदर्श राजा की थी। जिन्होने नव रत्नों द्वारा कला, संस्कृति और ज्ञान का अदभुत विकास किया था। प्रदेश सरकार का प्रयास है कि देश के महान व्यक्तित्वों एवं उनके कार्यो को जन-जन तक पहुंचाया जाय। यह सराहनीय पहल है। इस अवसर पर उन्होंने जिलेवासियों को चैत्र प्रतिपदा, नवरात्रि तथा नव वर्ष की शुभकामनायें प्रेषित की।

धर्म, कला के सरंक्षण की पहल:कलेक्टर
कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन ने नागरिकों को चैत्र नवरात्रि, प्रतिपदा तथा नव वर्ष की शुभकामनायेंं देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने भारतीय संस्कृति, धर्म एवं कला के संरक्षण की दिशा मे एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। चैत्र प्रतिपदा देश के विभिन्न स्थानों मे अलग अलग तरीकों से मनाई जाती है। महाराष्ट्र मे यह त्यौहार गुडी पडवा के नाम से प्रसिद्ध है। आज के ही दिन झूलेलाल जयंती भी मनाई जाती है।

संस्कृति से जोड़ता नव वर्ष: आसुतोष
आसुतोष अग्रवाल ने कहा कि हिंदू नववर्ष का पर्व हमे हमारी प्राचीन सभ्यता और संस्कृति से जोड़ता है। विक्रमादित्य ने संगठित प्रशासनिक प्रणाली विकसित की। जिसमे न्याय, अर्थ, रक्षा तथा शिक्षा व्यवस्था का विशेष महत्व था। वे स्वयं जनता के मामलों को सुनते और उचित निर्णय लेते थे। जिसके कारण लोक गाथाओ मे उन्हें धर्म का संरक्षक माना गया है। कार्यक्रम को जिला पंचायत अध्यक्ष अनुजा पटेल ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत अभय सिंह, अपर कलेक्टर शिवगोविंद सिंह मरकाम, एसडीएम बांधवगढ कमलेश नीरज, संयुक्त कलेक्टर रीता डेहरिया, डिप्टी कलेक्टर मीनांक्षी इंगले, नगर पालिका उपाध्यक्ष अमृतलाल यादव, समस्त पार्षदगण, मिथिलेश मिश्रा, दिलीप पांडेय, मान सिंह, कृष्णा जी, सुदामा पांडेय, अखिलेश त्रिपाठी, धनुषधारी सिंह, तहसीलदार बांधवगढ सतीश सोनी, सिविल सर्जन डॉ. केसी सोनी, मुख्य नगर पालिका अधिकारी किशन सिंह समेत बड़ी संख्या मे जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, विद्यार्थी, शिक्षक, शासकीय सेवक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सुशील मिश्रा ने किया।

नाट्य का मंचन आयोजित
विक्रमोत्सव नव वर्ष के अवसर पर सम्राट विक्रमादित्य पर केन्द्रित नाट्य का मंचन किया गया। इस दौरान कलाकारों ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों से दर्शकों को विभोर कर दिया। कार्यक्रम का संचालन सविता दाहिया एवं नरेन्द्र सिंह ने किया। यह आयोजन संस्कृति विभाग मध्यप्रदेश, मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय भोपाल तथा जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान मे किया गया।

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