अधिकारियों से पैसे मांगे जाने पर मचा हडकंप
सायबर ठगों का दुस्साहस: शहडोल, छिंदवाडा और सिवनी मे भी आये कलेक्टर की डीपी वाले मैसेज
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश
उमरिया
फेसबुक और वाट्सएप के बढते इस्तेमाल के सांथ ही ऑनलाईन धोखाधडी की घटनाओं मे काफी तेजी आई हैं। कहीं ईकेवायसी, सामान का पैसा ट्रांसफर तो कहीं एटीएम रिन्यूअल और वाट्सएप एकाउन्ट के वेरीफिकेशन का झांसा देकर ओटीपी मांगी जा रही है। मोबाईल पर आई ओटीपी देते ही घोटालेबाजों द्वारा सामने वाले का खाता खाली कर दिया जाता है। इसे देखते हुए सरकार और पुलिस की ओर से लगातार लोगों को जागरूक करने की कोशिशें की जा रही हैं, परंतु सायबर ठग तू डाल-डाल तो मै पात-पात की तर्ज पर ठगी के नये-नये तरीके ईजाद कर रहे हैं। इनमे आवाज का क्लोन बना कर, किसी अनहोनी, दुर्घटना अथवा पुलिस कार्यवाही का हवाला देकर संबंधित व्यक्ति के रिश्तेदारों व परिचितों से पैसे मांगे जाने की तरकीबें शामिल हैं। अब तो ठगों का दुस्साहस इतना बढ गया है कि वे इस काम के लिये मंत्रियों और वरिष्ठतम प्रशासनिक अधिकारियों के फोटो आदि का उपयोग करने से भी नहीं चूक रहे। ऐसे ही एक मामले ने कुछ दिनो से जिले मे भूचाल ला दिया है। जिसमे अज्ञात बदमाशों द्वारा कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन के फोटो की डीपी बना कर पैसे मांगे जा रहे हैं। बताया जाता है कि गत दिवस जिले के कई अधिकारियों के वाट्सएप मे इस तरह के मैसेज भेजे गये हैं। जिन्हे देखते ही वे दंग रह गये, क्योंकि सदेश मे डीपी तो कलेक्टर की लगाई गई थी, पर नंबर बिल्कुल नया था। कुछ अधिकारियों ने जब उक्त नंबर की पडताल की गई, तो वह विदेश का निकला। जिसके बाद कलेक्टर को इस घटना से अवगत कराया गया। बहरहाल अधिकारियों की सतर्कता के कारण बदमाशों के मंसूबे कामयाब नहीं हो सके।
कैसे मिले अधिकारियों के नंबर
इस पूरे मामले मे कुछ सवाल भी खडे हो रहे हैं, जिनका उत्तर पुलिस को खोजना पडेगा। इनमे सबसे पहली बात तो यह है कि यदि ठगी करने वाला व्यक्ति या गिरोह बाहरी है, तो उन्हे कलेक्टर के संपर्की अधिकारियों के नंबरों की जानकारी कहां से मिल गई। यह भी हो सकता है कि यह एक गेंग हो और उनके कुछ लोग उमरिया या आसपास के जिलों मे सक्रिय हों।
यहां भी हुई खुराफात
जानकारी मिली है कि उमरिया की तरह शहडोल, सिवनी और छिंदवाडा जिलों मे भी बदमाशों ने इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया गया है। सभी मामलों मे अंजान नंबरों पर संबंधित जिलो के कलेक्टर्स की डीपी लगा कर पैसे डालने का वाट्सएप मैसेज किया गया है। खास बात यह भी है कि अधिकारियों से पैसे मांगे जाने वाले मैसेज मे लिखावट भी मिलती जुलती है, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह एक गिरोह का कारनामा हो सकता है। जानकारों का मानना है कि यह मामला केवल एक जिले का नहीं बल्कि पूरे राज्य से जुडा हुआ है, ऐसे मे इस मामले की प्रदेश स्तरीय जांच होना जरूरी है।
प्रत्येक मामले मे सतर्क रहें
सायबर ठगों द्वारा फर्जी नंबर पर डीपी लगा कर लोगों से भुगतान किये जाने का मैसेज वाट्सएप पर डालने की जानकारी सामने आई है। देश भर मे मोबाईल के जरिये अपराध और ठगी की घटनायें लगातार बढ रही हैं, लिहाजा किसी के कहने पर ऑनलाईन राशि ट्रांसफर न करें। इस तरह के प्रत्येक मामले मे विशेष सावधानी बरतें। किसी भी कीमत पर अपने एटीएम कार्ड का नंबर या ओटीपी शेयर न करें।
धरणेन्द्र कुमार जैन
कलेक्टर, उमरिया