समन्वय के आभाव ने लगाया विकास मे अड़ंगा
कहीं वन विभाग, रेलवे तो कहीं एविएशन मे लटकीं फाईलें
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश
उमरिया
एक ओर जहां राज्य सरकार लगातार नागरिक सुविधाओं मे विस्तार की योजनायें लागू कर रही है, तो वहीं विभागीय समन्वय का आभाव उन्हे मूर्त रूप नहीं लेने दे रहा। बताया जाता हे कि जिले मे दर्जनो निर्माण महीनो से रूके हुए हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत वन विभाग और रेलवे की ओर से क्लीयरेंस नहीं मिलने के कारण हो रही है। इनमे मुख्य रूप से अप्रोच रोड और ओवर ब्रिज शामिल हैं। इसके चलते विशेषकर ग्रामीण अंचलों मे निवासरत लोगों और छात्र-छात्राओं को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। जानकारों का मानना है कि ऐसे मामलों मे विभागीय प्रयासों से अधिक राजनैतिक पहल की जरूरत है। यदि जनप्रतिनिधि मंत्रालय स्तर पर कोशिश करें तो रूके हुए सभी निर्माण तत्काल शुरू हो सकते हैं।
नहीं मिल रही अनुमति
सूत्रों के मुताबिक जिले मे कई पहुंच मार्ग वन विभाग की अनुमति नहीं मिलने के कारण रूके हुए हैं। इनमे से कारीमाटी-मरदरी, नागोताल पहुंच मार्ग, उरदानी से जमुनिहा, धमोखर-टिकुरी टोला, मझोली-बकेली-उमरिया जैसे विभिन्न अप्रोच रोड हैं, जिनके निर्माण की स्वीकृति तो काफी पहले ही मिल चुकी है पर वन विभाग काम नहीं करने दे रहा। कुछ एक जगह निर्माण शुरू भी हुआ पर विभाग के अधिकारियों ने आ कर ठेकेदार का काम रूकवा दिया, सांथ ही उनकी मशीने भी जब्त कर लीं। इतना नहीं बहु चर्चित मानपुर बायपास के बीच महज करीब 350 मीटर हिस्सा लोक निर्माण विभाग को वन विभाग के अडंग़े की वजह से छोड़ देना पड़ा है।
सभी औपचारिकतायें की पूरी
बताया जाता है कि वन क्षेत्र मे होने वाले निर्माण के लिये संबंधित विभाग या निर्माण एजेन्सी द्वारा सर्वप्रथम आवेदन किया जाता है। जिसके बाद वन, राजस्व तथा निर्माण विभाग के अधिकारी संयुक्त रूप से मौके का मुआयना करते हैं। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने बताया कि लंबित निर्माण कार्यो के लिये उनकी तरफ से संयुक्त विजिट, ग्रामसभा के प्रतिवेदन इत्यादि सभी औपचारिकतायें महीनो पहले पूरी कर प्रस्तुत कर दी गई हैं। इसके बाद भी विभाग से अनुमति नहीं मिल रही है।
जहां स्वीकृति वहां फण्ड नदारत
विभागों को राशि का आवंटन नहीं होना भी विकास मे बड़ा रोड़ा बना हुआ है। बताया जाता है कि जिले के कई महकमे ऐसे हैं, जहां फण्ड की भारी कमी है। जबकि अनेक निर्माण विभागों मे जून से लेकर अभी तक सिर्फ वेतन ही आया है। ऐसे मे स्वीकृति होने के बावजूद काम चालू नहीं हो पा रहे हैं।
शहपुरा ओवरब्रिज मे प्रगति नहीं
इसी तरह जिला मुख्यालय के सिंगल टोला मे स्थित रेलवे फाटक भी नागरिकों के लिये बड़ा सिरदर्द बना हुआ है। रेलवे स्टेशन के नजदीक होने के कारण यह क्रासिंग बेहद व्यस्त है, जहां हर 15-20 मिनट पर ट्रेनो के पास होते समय फाटक कम से कम आधे घंटे के लिये बंद हो जाता है। इस समस्या से छुटकारा केवल ओवरब्रिज ही दिला सकती है। हलांकि सिंगलटोला ओवरब्रिज निर्माण के लिये कुछ महीने पहले सुगबुगाहट जरूर शुरू हुई थी पर काम आगे नहीं बढ़ सका और मामला जस का तस हो गया। कहा जा रहा है कि कुछ बिंदुओं पर रेलवे की सहमति नहीं होने से ये हालात बने हैं।