शिकार के लिये यूपी से गन लाया था सचिव

शिकार के लिये यूपी से गन लाया था सचिव

वीडियो ने खोला जंगल मे आखेट का राज, दो आरोपी गिरफ्तार

बांधवभूमि न्यूज, रामाभिलाष त्रिपाठी

मध्यप्रदेश

उमरिया
मानपुर। जिले के राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ मे चीतल का शिकार करने के आरोपी ग्राम पंचायत सचिव और उसके एक सांथी को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले मे दो आरोपी अभी भी फरार हैं। जिनकी तलाश जारी है। विगत सप्ताह हुए इस वन्य अपराध मे कई आश्चर्यजनक खुलासे हुए हैं। बताया जाता है कि आरोपी ग्राम पंचायत सचिव राघवेन्द्र सिंह पिता नागेश्वर प्रताप सिंह, नत्थू बैगा, बापी बिस्वास उर्फ बंगाली डाक्टर और भागवत पिता रामनाथ साहू द्वारा होली की रात जंगल मे आखेट के दौरान एक चीतल का शिकार किया गया था। तभी गांव के कुछ जागरूक युवकों ने शिकारियों को पकड़ लिया। इस दौरान आरोपियों से उनकी काफी झूमा-झटकी हुई।

मामले को दबाने का प्रयास
बताया जाता है कि स्थानीय युवकों ने इस पूरे घटनाक्रम का वीडियों बना लिया था। उस समय तो आरोपी सचिव की दबंगई की वजह से यह प्रकरण दब गया, परंतु कुछ दिन बाद मुखबिर द्वारा शिकारियों का वीडियो राष्ट्रीय उद्यान के उप संचालक पीके वर्मा तक भेज दिया गया। जैसे ही मामला संज्ञान मे आया पार्क प्रबंधन संक्रिय हो उठा। वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व मे टीम गठित कर उसे कार्यवाही के निर्देश दिये गये। सांथ ही एसटीएफ को भी बुलावा भेज दिया गया।

माया ने फिर दिखाया अपना हुनर
इस मामले मे डॉग माया ने एक बार अपना हुनर दिखाते हुए शिकार मे उपयोग हुई गन, चीतल को काटने के औजार के अलावा विस्फोट मे इस्तेमाल होने वाली जिलेटीन की छडें, कटर आदि बरामद कराने मे अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। यह सारा सामान आरोपियों ने मिट्टी के नीचे दबा दिया था। एसटीएफ की पूंछताछ मे वारदात के मास्टर माईण्ड राघवेन्द्र सिंह ने बताया कि यह इस गन को यूपी से लेकर आया था।

दिख रहा जागरूकता का असर
बांधवगढ़ नेशनल पार्क का पनपथा बफर परिक्षेत्र लंबे समय से वन्य जीवों के अवैध शिकार और विलुप्त प्रजाति के दुर्लभ जीव पेंगोलीन की तस्करी के लिये कुख्यात रहा है। इसी क्षेत्र मे एक बार फिर आरोपियों द्वारा खुलेआम चीतल का शिकार किया गया। इस घटना से कहीं ज्यादा चर्चा शिकारियों के पकड़े जाने को लेकर हो रही है। जानकारी के अनुसार आरेापियों मे राघवेन्द्र सिंह पूर्व से कई गंभीर आपराधिक मामलों मे संलिप्त रहा है, वहीं बंगाली डाक्टर पेंगोलीन की तस्करी मे जेल की हवा खा चुका है। ग्रामीणो का ऐसे जघन्य लोगों के सांथ भिड़ जाना अपने आप मे सुखद परिवर्तन का संकेत है। इसका श्रेय पार्क प्रबंधन के जागरूकता अभियानो को जाता है। जिससे प्रेरित हो कर स्थानीय युवा अपनी जान जोखिम मे डाल कर अपराधियों से दो-दो हांथ करने मे भी पीछे नहीं हट रहे।

अपराधी पर पंचायत विभाग की अनुकंपा
गौरतलब है कि पनपथा बफर मे चीतल का शिकार मामले का मुख्य आरोपी लगातार हत्या से लेकर मारपीट के अपराध कारित करता रहा है। उस पर वर्ष 2000 मे धारा 302, 394, 414, 120बी एवं 25, 27 आम्र्स एक्ट, वर्ष 2004 मे 324, 34, वर्ष 2009 मे 279, 337, 338 एवं 146, 196 मोटर व्हीकल एक्ट तथा वर्ष 2017 मे 294, 323, 506 के तहत अपराध दर्ज हुए। इसके बावजूद उसे एक नहीं बल्कि दो-दो ग्राम पंचायतों के सचिव का प्रभार दिया गया। राघवेन्द्र सिंह पर पंचायत विभाग द्वारा इतनी उदारता और अनुकंपा क्यों बरती गई, यह भी जांच का विषय है।

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