शक्ति की भक्ति मे डूबेगा तन-मन
पावन चैत्र नवरात्र का शुभारंभ आज से, देवी मंदिरों मे की गई विशेष तैयारियां
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश
उमरिया
शक्ति की उपासना का प्रतीक पावन चैत्र नवरात्र आज से प्रारंभ हो रहा है। नौ दिन तक चलने वाले इस पर्व पर माता की आराधना के लिये मंदिरों मे भक्तों की भीड़ उमड़ेगी। इसके लिये तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं। नवरात्र के प्रथम दिन आज जिले की विख्यात श्क्ति पीठ मां बिरासिनी मंदिर मे प्रात: शुभ मुहूर्त मे घट स्थापना की जायेगी। देवी मंदिरो मे सुबह से ही जल ढारने वाले श्रद्घालुओं की भीड़ रहेगी। आरती के समय शंख, घडिय़ाल, नगाड़ों और जयघोषों की ध्वनि से पूरा वातावरण देवीमय हो जायेगा। चैत्र नवरात्र के पावन पर्व पर आज से जिले के देवी मंदिरों मे भक्तों की भारी भीड़ उमडऩा प्रारंभ हो जायेगी।
जल अर्पित कर मागेंगे आशीष
बिरसिंहपुर पाली के मां बिरासिनी, चंदिया चंडिका धाम, उचेहरा, पठारी, मानपुर एवं उमरिया मे ज्वालामुखी, मां अन्नपूर्णा, शारदा मंदिर तथा मां शाकंभरी देवी सहित सभी देवी मंदिरों मे नवरात्र पर्व पर विशेष पूजा अर्चना की जायेगी। सुबह से ही हजारों भक्त नंगे पांव चलकर मां के दरबार पहुंचेंगे तथा उनके श्री चरणों मे जल अर्पित कर आशीष मांगेगे।
जवारा कलशों की स्थापना
जिले के सभी देवी मंदिरों मे आज से ही जवारा कलशों की स्थापना का क्रम शुरू होगा। जिले मे शक्ति उपासना के केन्द्र शक्तिपीठ मां बिरासिनी मंदिर एवं ज्वालामुखी मंदिर उचेहरा मे मंदिरों को रंग रोगन कर आकर्षक झालरें लगाई गई हैं। परिसर मे पेयजल की उपलब्धता के सांथ मुण्डन, कर्णछेदन के लिए पृथक से व्यवस्था की गई है। पाली मे बाहर से आने वाले श्रद्घालुओं के लिए धर्मशालाओं के द्वार खोल दिये गये हैं। मंदिर मे महिला एवं पुरूषों के लिए अलग-अलग कतार मे दर्शन की व्यवस्था की गई है तथा अपराधिक गतिविधियों पर पैनी नजर रखने के लिए गोपनीय कैमरे लगाये गये हैं। मंदिर मे शांति एवं सुरक्षा व्यवस्था हेतु पुलिस बल तैनात किया गया है।
नौ दिन, नौ रूप
नवरात्र मे मातेश्वरी जगदंबा के नौ अवतारों की पूजा की जाती है। इस दौरान मां की छवि देखने योग्य होती है। हर दिन उनके स्वरूप मे आश्चर्यजनक बदलाव स्पष्ट महसूस किया जा सकता है। इसी रूप को निहार कर भक्त कृतार्थ हो जाते हैं। शक्ति स्वरूपा के चेहरे पर उभरे अलौकिक तेज की अनुभूति से श्रद्धाभाव हिलोरें मारने लगता है और लोगों के कोटि-कोटि अपराध नष्ट हो जाते हैं।

