लुटेरों की बजाय सीमा तलाश रही पुलिस
शहपुरा रोड पर करोड़ों की लूट मामले मे अब तक कायमी नहीं
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश, उमरिया
जिले के शहपुरा रोड पर बीते शनिवार को व्यापारियों के सांथ हुई लूट के मामले मे अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है। बताया जाता है कि जबलपुर से बुढ़ार आ रहे व्यापारियों की कार को रोक कर कई बदमाशों ने उनसे करोड़ों रूपये का सोना छीन लिया। वारदात के शिकार कारोबारी ने सबसे पहले शहपुरा थाने मे जा कर इसकी सूचना दी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन घटना उमरिया जिले की होना बता कर हांथ खड़े कर दिये। जिस पर पीडि़त थाना कोतवाली उमरिया आये, तो उन्हे यहां भी वही जवाब मिला। उमरिया पुलिस का कहना है कि घटनास्थल शहपुरा थाना क्षेत्र मे है। लिहाजा वे इस संबंध मे कुछ भी नहीं कर सकते।
आखिर कौन करेगा कार्यवाही
इस मामले मे एएसपी डिंडौरी जगन्नाथ मरकाम का कहना है कि यह घटना उमरिया थाना क्षेत्र मे घटित हुई है। इसकी तस्दीक उसी रात पुलिस अधिकारियों व तहसीलदार से करा ली गई थी। जिले की सीमा से बाहर की घटना होने के कारण शहपुरा थाने मे प्रकरण दर्ज नहीं हो सकता। वहीं थाना कोतवाली के टीआई राजेश चंद मिश्रा घटना स्थल डिंडौरी जिले के धिरवन गांव के पास का बता रहे हैं। उनके मुताबिक मौके की जांच गूगल मैप के द्वारा की गई है। ऐसे मे सवाल उठता है कि इतनी बड़ी वारदात पर कार्यवाही आखिरकार कौन करेगा।
संदिग्ध गतिविधियों का केन्द्र
इस मामले मे पुलिस भले ही सीमा क्षेत्र के बहाने अपने कर्तव्यों से बचने के बहाने ढूंढ रही हो, पर यह घटना अपने आप मे कई सवाल खड़े कर रही है। गौरतलब है कि उमरिया के निगहरी और डिंडौरी जिले के धिरवन के बीच का यही इलाका हमेशा से संदिग्ध गतिविधियों का केन्द्र रहा है। बीच-बीच मे यहां अंजान चेहरों का आन-जाना भी सुर्खियां बटोरता रहा है, कुछ लोग दबी जुबान मे इसे नक्सली मूवमेंट भी बताते हैं। उनका दावा है कि छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र पुलिस का दबाव जैसे-जैसे तेज होता है, वैसे ही उमरिया और डिंडौरी जिले के पहाड़ी इलाकों मे हलचल भी बढ़ जाती है।
पहले भी हो चुकी कई घटनायें
डिंडौरी जिले की सीमा से सटे क्षेत्र मे पहले भी कई अपराधिक घटनायें हो चुकी हैं। कुछ वर्ष पहले होली के आसपास निगहरी मे असमाजिक तत्वों ने मुसाफिरों के सांथ मारपीट, लूटपाट तथा कई वाहनो मे तोडफ़ोड़ की घटना को अंजाम दिया था। बीते सितंबर मांह के दौरान जिला मुख्यालय मे गोंड़वाना गणतंत्र पार्टी की सभा मे जो बलवा हुआ था, जिसमे स्थानीय आदिवासियों की बजाय बाहरी तत्वों का हांथ होने की आशंका जताई गई थी।