मां बिरासिनी दरबार मे 16627 कलश स्थापित
भक्ति ने रचा नया इतिहास, आज रजत आभूषणों से सजेंगी महाकाली
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश
उमरिया
जिले के पाली स्थित विख्यात सिद्धपीठ बिरासिनी मंदिर मे भक्ति का नया इतिहास रचा गया है। इस चैत्र नवरात्रि पर माता के दरबार मे 16 हजार 627 कलश स्थापित हुए हैं, जो अब तक का रिकार्ड बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक बिरसिंहपुर मे 1109 ज्योति कलश घी, 1110 ज्योति कलश तेल, 13822 मनोकामना कलश के अलावा 405 आजीवन कलश घी तथा 181 आजीवन कलश तेल स्थापित किये गये हैं। मंदिर प्रबंधन समिति के अनुसार इस बार नवरात्र पर श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा है। इसी का परिणाम है कि बिरासिनी मंदिर मे बैठकी के दिन 7645 कलशों की स्थापना कर दी गई थी। परिसर मे कलशों की स्थापित पंचमी तक ही की जाती है। इस तिथि पर यह संख्या बढ़ कर 16 हजार के पार हो गई।
बड़ भागियों को मिलता अवसर
गौरतलब है कि चैत्र एवं शारदेय नवरात्र का पर्व बिरासिनी मंदिर मे विशेष श्रद्धा और विश्वास के सांथ मनाया जाता है। इस दौरान देश भर से हजारों की तादाद मे भक्त आकर परिसर मे कलश स्थापित करते हैं। मंदिर मे सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो जाता है। लोग महाकाली के दर्शन कर दोनो समय की आरती मे सम्मिलित होना अपना सौभाग्य समझते हैं। वैसे भी यह अवसर बड़भागियों को ही मिल पाता है। इसके अलावा बड़ी संख्या मे श्रद्धालु परिवार और रिश्तेदारों सहित यहां पहुंच कर प्रांगण मे अपने बच्चों का मुंडन और कनछेदन इत्यादि भी कराते हैं।
महाकाली को निहारेंगे नयन
शुक्रवार को मां बिरासिनी ने भक्तों को पंचम स्वरूप स्कंदमाता के रूप मे दर्शन दिये। जबकि चैत्र नवरात्र की सप्तमी पर आज माता बिरासिन का रजत आभूषणों से श्रंगार किया जायेगा। सायंकाल साज-सज्जा के बाद जब मंदिर के पट खुलते हैं, तो महाकाली का तेज और अलौकिक स्वरूप वहां खड़े श्रद्धालुओं को जैसे अवाक कर देता है। माता की इसी ममतामयी छवि को निहारने के लिये हजारों नयन महीनो से आतुर रहते है। इसी तरह कल 6 अप्रेल को माता का स्वर्ण आभूषणों से श्रंगार किया जायेगा। वहीं 7 अप्रेल को श्रीराम नवमी पर परिसर मे स्थापित कलशों का विशाल जवारा जुलूस विसर्जन स्थल की ओर रवाना होगा।

