मानव जीवन के लिये महत्वपूर्ण पेड
ग्राम कछवार मे कलेक्टर, डीजे, पुलिस अधीक्षक और सीईओ ने रोपित किये पौधे
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश
उमरिया
जिले के करकेली विकास खंड अंतर्गत ग्राम कछवार मे गत दिवस एक पेड़ मां के नाम अभियान कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन, जिला एवं सत्र न्यायाधीश महेंद्र सिंह तोमर, पुलिस अधिक्षक निवेदिता नायडू, सीईओ जिला पंचायत अभय सिंह, न्यायाधीश सुधीर चौधरी, न्यायाधीश तथा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जितेंद्र कुमार बजौलिया, सीजीएम वर्षा सिंह, न्यायायिक मजिस्ट्रेट आशीष धुर्वे, श्रीमती खलखो, मोहन डाबर एवं पल्लवी सिंह, सीईओ जनपद पंचायत राजेद्र त्रिपाठी, स्थानीय सरपंच आदि गणमान्य नागरिकों नेे पौध रोपित किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कलेक्टर ने कहा कि यह अभियान पर्यावरण संरक्षण की दिशा मे एक बड़ा कदम है। जो अब जन-आंदोलन बन गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आहवान पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व मे अभियान का संचालन उमरिया जिले मे भी किया जा रहा है। इसके तहत 12.5 लाख पौधों का रोपण किया जाना है। जिसमे 8.5 लाख पौधो का रोपण वन विभाग एवं वन विकास निगाम के द्वारा किया जायेगा। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों मे 3 लाख पौधो का रोपण तथा नगरीय क्षेत्रों में 1 लाख पौधों का रोपण किया जाना है। कलेक्टर श्री जैन ने कहा कि मानव जीवन के लिए पेड़ अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं, ये हमे फल देने के साथ ही छाया एवं औषधी भी प्रदान करते है। उन्होने नागरिकों से पौधा रोपित करने के दौरान अपना फोटो वायुदूत एप अपलोड करने की अपील की है।
आने वाली पीढियों को मदद: न्यायाधीश
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि सदैव से ही वृक्षों का हमारे जीवन मे विशेष महत्व रहा है। हमारे पूर्वजो ने जो पौध रोपित किए थे, वे आज हमें छाया और फल प्रदान कर रहे है। जबकि आज हम जो पौध रोपित कर रहे है, उनसे तैयार वृक्ष आने वाली पीढियो के लिए मददगार साबित होंगे। डीजे ने कहा कि हमें अधिक से अधिक संख्या मे पौधों का रोपण कर उनकी सुरक्षा का संकल्प लेना चाहिए।
धरती माता की रक्षा का लें संकल्प: एसपी
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पुलिस अधीक्षक निवेदिता नायडू ने मां के प्रति प्रेम, आदर और सम्मान के प्रतीक के रूप मे एक पेड़ लगाने और धरती माता की रक्षा के संकल्प का आहवान किया। सीईओ जिला पंचायत अभय सिंह ने कहा कि इस अभियान मे हर वर्ग के लोग अपनी सहभागिता दर्ज करा रहे हैं। ग्रामीण अंचलों के ऐसे क्षेत्रो मे पौधो का रोपण किया जा रहा है, जहां वे जीवित रह सकें, और समय-समय पर पानी मिल सके।