भगवान महावीर की जयंती पर जैन मंदिर मे हुए धार्मिक आयोजन, समाज ने कलेक्टर को किया सम्मानित
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश
उमरिया
दुनिया को त्याग, तपस्या, सत्य और अहिंसा का संदेश देने वाले जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर जी की जयंती नगर मे श्रद्धाभाव से मनाई गई। इस मौके पर स्थानीय जैन समाज द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमे कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन ने भी शिरकत की। धार्मिक आयोजन के दौरान नगर के जैन मंदिर से भगवान महावीर का चल समारोह निकाला गया, जो कि जो कि खलेसर रोड, गांधी चौक, विनोबा मार्ग से नगर भ्रमण करते हुए पुन: मंदिर पहुंच कर संपन्न हुआ। इसके उपरांत मंदिर मे भगवान का रूद्राभिषेक, आरती एवं विशेष पूजा-अर्चना की गई। इस पुण्य अवसर पर मंदिर प्रांगण मे समाज की ओर से कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम मे अरविंद जैन, बसंत जैन, ऋ षि जैन, बंटी जैन, शरद जैन सहित बडी संख्या में समुदाय के बुजुर्ग, महिलायें, पुरूष, बच्चे एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
यह है मान्यता
उल्लेखनीय है कि भगवान महावीर का जन्म लगभग 2600 वर्ष पूर्व राजा सिद्धार्थ व महारानी त्रिशला के यहां चैत्र शुक्ल त्रयोदशी पर हुआ था। मान्यता है कि भगवान महावीर करीब 599 ईसा पूर्व बिहार के कुंडलपुर के राजघराने मे पैदा हुए थे। बालक का जन्म होते ही राजा सिद्धार्थ के राज्य, मान-प्रतिष्ठा, धन-धान्य में वृद्धि होने लगी थी। इसलिए उनका नाम वर्धमान रखा गया। वर्धमान बचपन से ही बड़े साहसी व निर्भीक थे। उनके अपने पराक्रम के कारण आगे चलकर वे महावीर के नाम से प्रसिद्ध हुए।
तीर्थंकर से क्या है तात्पर्य
जैन धर्म में तीर्थंकर उन 24 दिव्य महापुरुषों को कहा गया है, जिन्होंने तपस्या से आत्मज्ञान की प्राप्ति की। सांथ ही उन्होने अपनी इंद्रियों और भावनाओं पर पूरी तरह से विजय पा ली थी। भगवान महावीर ने दिगंबर स्वीकार कर लिया था, इसलिए वह कोई वस्त्र धारण नहीं करते थे। दरअसल, दिगंबर मुनि आकाश को ही अपना वस्त्र मानते हैं।