भगवान भरोसे जिले के जंगल
अधिकारियों की मेहनत पर पानी फेर रहा अमला, खतरे मे वन और जीव
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश
उमरिया
एक ओर जहां वन विभाग के आला अफसर जंगलों को बेहतर बनाने, वनो की सुरक्षा और वहां विचरण कर रहे दुर्लभ जीवों को सुरक्षित करने के लिये पसीना बहा रहे हैं, तो दूसरी तरफ निचला अमला और अधिकारी घर बैठ कर नौकरी की औपचारिकता पूरी करने मे लगे हुए हैं। उनकी लापरवाही के कारण सामान्य मण्डल क्षेत्र मे नसिर्फ हरे-भरे बेशकीमती इमरती वृक्षों को धराशायी किया जा रहा है, बल्कि तस्कर गावों मे बकायदा फैक्ट्रियां लगा कर फर्नीचर बनाने और बेंचने का गोरखधंधा खुलेआम कर रहे हैं। बीते कुछ दिनो कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। सूत्र बताते हैं कि जिले भर मे ऐसे अवैध कारोबार स्थानीय रेंजर और उनके मातहत कर्मचारियों की शह पर चल रहे हैं।
डीएफओ के निर्देश पर हुई कार्यवाही
जानकारों का दावा है कि ऐसे मामलों की जानकारी धीरे-धीरे मुखबिर या अन्य माध्यमो के जरिये डीएफओ विवेक सिंह तक पहुंचने के बाद उनके निर्देश पर लकड़ी माफियाओं के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही शुरू की गई है। जिसके बाद से माफियाओं के सांथ ही महकमे के भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों मे हडक़ंप मचा हुआ है।
पाली, घुनघुटी मे सबसे ज्यादा अराजकता
सबसे ज्यादा अराजकता वन मण्डल के पाली और घुनघुटी परिक्षेत्र मे है। बताया जाता है कि इन दोनो रेंज मे गश्ती लगभग बंद है, जिसका फायदा शिकारी और माफिया खुल कर उठा रहे हैं। गौरतलब है कि यह जिले का सबसे संवेदशील जंगल है। जहां के सघन वनो मे बाघ, तेंदुए, चीतल आदि विभिन्न प्रकार के दुर्लभ वन्य जीवों का मूवमेंट हमेशा बना रहता है। आरोप है कि विभागीय अकर्मण्यता के कारण बीते कुछ वर्षो से इस इलाके मे वाहनो तथा ट्रेनो की चपेट मे आकर सर्वाधिक वन्यजीव मारे गये हैं।
ट्रेन से टकरा कर लकड़बग्घे की मौत
जिले के वन मंडल उमरिया के परिक्षेत्र पाली अंतर्गत ट्रेन की टक्कर से एक लकड़बग्घे की मौत हो गई है। रात के समय हुई इस घटना की जानकारी रविवार सुबह मिलने के बाद वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और लकड़बग्घे का शव कब्जे मे लेकर जांच शुरू की। डाक्टरों की टीम द्वारा पोस्टमार्टम करने के उपरांत उसका अंतिम संस्कार किया गया।