बारहसिंघा को भी रास आई बांधवगढ़ की आबोहवा
कुनबे मे हुआ 10 का इजाफा, बायसन के बाद नया प्रोजेक्ट भी हो रहा सफल
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश
उमरिया
जिले के बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान मे बायसन के बाद अब बारसिंघा प्रोजेक्ट भी सफल होता दिख रहा है। तेजी से विलुप्त हो रही इस प्रजाति को बांधवगढ़ की आबोहवा रास आने लगी है। यही कारण है कि महज दो वर्षो के भीतर ही नये मेहमानो के कुनबे मे दस की वृद्धि हो चुकी है। गौरतलब है कि साल 2023 मे पहली बार मंडला जिले के कान्हा टाईगर रिजर्व से 32 बारहसिंघों को बांधवगढ़ लाया गया था। अगले ही वर्ष 16 और बारहसिंघे ताला पहुंच गये। बीते दिनो पार्क प्रबंधन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार इनकी तादाद अब 58 हो गई है। बीटीआर के उप संचालक पीके वर्मा ने बताया कि बारहसिंघों की एक और खेप यहां लाई जानी है, परंतु इस बार कान्हा से इन्हे सतपुड़ा भेजा गया है। कम संख्या और ग्रोथ के कारण तुरंत ही बांधवगढ़ को जानवर मिलना जरा मुश्किल है। इसके लिये अब थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा।
170 हुई बायसन की संख्या
गौरतलब है कि इससे पूर्व वर्ष 2010-11 मे बांधवगढ़ मे बायसन बसाने की परियोजना लागू की गई थी। करीब 14 सालों मे बायसनो की संख्या 50 से 170 हो गई है। अब धीरे-धीरे ही सही बारहसिंघों के परिवार मे भी बढ़ोत्तरी दर्ज होने से जिलेवासियों के सांथ ही वन्यजीव प्रेमियों मे भी उत्साह और हर्ष व्याप्त है।

