बारिश मे डूब जाने वाली पुलियों पर सतर्कता के उपाय जरूरी
सुरक्षा के इंतजाम नहीं होने से बना रहेगा दुर्घटनाओं का खतरा, नहीं लगें चेतावनी वाले बोर्ड
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश
उमरिया
बारिश का मौसम आने वाला है लेकिन अभी तक संभवित खतरों को चिन्हित नहीं किया गया है। उमरिया जिले मे ऐसे सैंकड़ा भर से ज्यादा पुल-पुलिया हैं जो बारिश मे उफनाते नालों के पानी मे डूब जाती हैं। इनमें से कई ऐसी पुल-पुलिया भी हैं जिन पर किसी भी तरह का संकेतक नहीं लगा है। बारिश के दौरान उफनाने वाले नालों के पुल पर जान जोखिम मे डालकर निकलने वालों को रोकने के लिए यहां कोई चेतावनी के बोर्ड भी नहीं है। इससे बारिश के दौरान बड़े खतरे उत्पन्न हो सकते हैं।
यहां नहीं दिखती चेतावनी
उमरिया जिले के एनएच पर तो बड़े पुल हैं लेकिन स्टेट हाईवे और ग्रामीण क्षेत्रों की सडक़ों पर पडऩे वाले छोटे पुल और पुलिया पर कहीं भी चेतावनी वाले बोर्ड नजर नहीं आते हैं। मानपुर से शहडोल रोड पर कई ऐसे पुल
और पुलिया हैं जो बारिश के दौरान डूब जाती हैं लेकिन इन पर कहीं भी बोर्ड नजर नहीं आता। इसी तरह मानपुर से ब्यौहारी, जयसिंहनगर मार्ग पर भी कहीं बोर्ड नजर नहीं आता है। उमरिया चंदिया मार्ग, चंदिया अखड़ार, बिलासपुर मार्ग, चंदिया-खितौली मार्ग, करकेली-घुलघुली मार्ग सहित दर्जनों ऐसे रास्ते हैं जिन पर सैंकड़ों पुलिया बनी हुई हैं जो बारिश के दौरान डूब जाती हैं लेकिन इन पर चेतावनी वाले बोर्ड नजर नहीं आते हैं।
हो चुके हैं हादसे
इसकी वजह से बारिश के दौरान पिछले साल कई घटनाएं हुई थी, इसके बाद भी प्रशासन ने अभी तक इस दिशा मे कोई ध्यान नहीं दिया है। पिछले साल एक बाइक बारिश के दौरान किरनताल मार्ग की पुलिया मे बह गई थी। इसी पुलिया मे एक कार भी बह चुकी है। चंदिया-खितौली मार्ग के बीच मे पडऩे वाली एक पुलिया से दो साल पहले एक हाईवा पानी मे बह गया था। इस तरह की घटनाओं के बाद भी पुल-पुलिया पर सावधानी के लिए अभी तक कोई काम नहीं किया गया है। जबकि मानसून ने देश मे दस्तक दे दी है और मध्यप्रदेश मे भी बीस जून तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। बारिश होने के बाद नादी-नाले उफान पर आ जाएंगे और तब शायद तैयारी के लिए प्रशासन को अवसर भी नहीं मिल सकेगा।