बारिश नहीं अतिक्रमण से बाढ का खतरा

बारिश नहीं अतिक्रमण से बाढ का खतरा

नदी.नालों और पानी निकासी के रास्तों पर हुए बेजा निर्माण बना रहे जल प्लावन के हालात

बांधवभूमि न्यूज

मध्यप्रदेश

उमरिया
मानसून के सक्रिय होने के अरसे बाद बीते दो दिनो से जिले मे बारिश का दौर शुरू हुआ है। हलांकि यहां पर वर्षा अन्य जिलों के मुकाबले काफी कम है, इसके बाद भी कई क्षेत्रों मे जलप्लावन जैसे हालात निर्मित हो रहे हैं। इसका मुख्य कारण जगह-जगह जलस्त्रोंतों और पानी निकासी के रास्तों का अवरूद्ध होना है। जिला मुख्यालय को ही ले लें, जहां की भैगोलिक स्थिति और बसाहट ऊंचाई पर है, सांथ ही पूरे शहर को उमरार ने घेरा हुआ है। जिसकी वजह से कितनी भी तेज बारिश हो, पानी मिनटों ने बहता हुआ नदी मे चला जाता था, परंतु पिछले कुछ वर्षो मे नदी की जमीन पर कब्जा और बिना योजना के हुए निर्माणो ने इसकी प्राकृतिक बनावट को तहस-नहस कर दिया है। लगभग सभी स्थानो पर लोगों ने नकेवल अपनी दुकाने और घरों को बनाने के लिये नालियों को संकरा करने के सांथ उनका रूख तक मोड दिया है, बल्कि पानी निकासी के नालों पर बस्तियां उगा ली हैं। यही कारण है कि पानी अब नालियों की बजाय सडकों और गलियों से गुजरता है और जरा सी तेज वर्षा होते ही जलभराव होने लगता है।

सालों से नहीं हुई वैसी बारिश
एक जमाना था कि मानसून के सीजन मे हफ्तों बारिश हुआ करती थी। उमरिया मे तो नदी का बहाव कई मीटर ऊपर आ जाया करता था। एक बार तो चपहा नाले का पानी कालरी मे प्रवेश कर गया था। आज ज्वालामुखी, कैम्प, पुराना पड़ाव, फजलगंज, मोहनपुरी, रमपुरी, घंघरी सहित पूरे शहर मे उमरार के किनारे अतिक्रमण मे गुम हो चुके हैं। बड़े-बड़े नालों का तो कहीं पता ही नहीं है। यदि पुराने समय की तरह एक बार भी बारिश हुई तो जानमाल का कितना नुकसान होगा, इसकी कल्पना ही की जा सकती है। यही हाल जिले के दूसरे शहरों, कस्बों और ग्रामीण इलाकों का है, जहां अव्यवस्थित निर्माण कई तरह की समस्यायें पैदा कर रहा है।

घरों को नुकसान, कई जगह पानी भरा
शुक्रवार के बाद शनिवार शाम शुरू हुआ बारिश का दौर रात भर चलता रहा। इस दौरान हवाओं के सांथ कभी तेज तो कभी रिमझिम वर्षा होती रही। सुबह होते-होते कई जगह पेड़ गिरने और जल भराव की खबरें आने लगी। इस दौरान करकेली जनपद के ग्राम जरहा के कई हिस्सों मे पानी भर गया। इसी तरह मानपुर जनपद के ग्राम छपड़ौर मे मकान गिरने, पनपथा मिडिल स्कूल की दीवार ढहने, पतौर मे पेड़ धराशायी होने पड़वार मे ग्रामीणो के घरों मे पानी घुसने की जानकारी मिली है। राहत की बात यह रही कि रविवार को बारिश का दौर थमा रहा, जिससे लोगों को बचाव कार्य करने का मौका मिल गया।

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