ब्रम्ह मुहूर्त मे हुई घट स्थापना
देवी मंदिरों मे उमड़ी आस्था, मातारानी के जयघोष से गूंजा गगन
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश
उमरिया
शक्ति उपासना के महान पर्व चैत्र नवरात्र की बैठकी पर कल प्रसिद्घ शक्ति पीठ मां बिरासिनी मंदिर सहित जिले के सभी देवी मंदिरो मे घट स्थापना की गई। बैठकी के मौके पर लोग पट खुलने के पूर्व ही मंदिर पहुंच चुके थे और जैसे ही मां के श्रृंगार के बाद पट खोले गये शंख-घडियालों की गूंज और मातारानी के जयघोष गगन मंडल मे प्रतिध्वनित होने लगे। नवरात्रि के श्रंृगार के बाद मां के सुमुख मे अलौकिक तेज आ जाता है। जिसकी शोभा देखते ही बनती है। पाली के अलावा कल ज्वालामुखी मंदिर उचेहरा, मानपुर उमरिया और चंडिका धाम चंदिया मे भी विधि विधान से घट स्थापना की गई। देवी मंदिरों मे कल नवरात्रि की बैठकी पर भारी भीड़ रही। श्रद्घालु सुबह स्नान इत्यादि कर पूजा की थालियां सजाए नंगे पांव मंदिरो मे पहुंचे इनमे महिलाओं की संख्या ज्यादा थी। मंदिर पहुंचे श्रद्घालुओं ने मां भवानी के श्री चरणों मे जलार्पण कर शैलपुत्री स्वरूप की विधि विधान से पूजा अर्चना की और प्रसाद चढ़ाया, जल ढारने और पूजा का सिलसिला दोपहर तक चलता रहा।
4560 कलश स्थापित
मां बिरासिनी मंदिर मे नवरात्र के पहले दिन 4560 कलशों की स्थापना की गई। मंदिर के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कल ज्योति कलश घी 691, ज्योति कलश तेल 700, जवारा कलश 3250 स्थापित किये गये। इसके अलावा आजीवन ज्योति कलश घी 9 एवं तेल के 2 कलश स्थापित हैं।
अपर कलेक्टर ने की पूजा-अर्चना
चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिवस अपर कलेक्टर शिव गोविंद सिंंह मरकाम, सीईओ अभय सिंह ओहरिया ने मां बिरासिनी धाम पहुंचकर विधिवत पूजा-अर्चना की एवं घट स्थापित किया। इस अवसर पर एसडीएम टीआर नाग, स्थानीय नागरिक, मंदिर प्रबंध समिति के पदाधिकारी, सदस्य एवं श्रद्धालुगण उपस्थित थे। इस मौके पर अधिकारियों ने मनोकामना कलश की रसीद कटवा कर इसका शुभारंभ भी किया।
ऑनलाईन कलश बुक कराने की सुविधा
मंदिर प्रबंधन समिति ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये ऑनलाईन कलश बुक करने की सुविधा दी है। श्रद्धालु ऑनलाईन आजीवन घी और तेल ज्योति कलश स्थापित कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि जिले के पाली मे बिराजी मां विरासिनी देवी का मंदिर जिले ही नहीं प्रदेश और देश भर के श्रद्धालुओ की आस्था का केन्द्र है। जहां की नवरात्रि हमेशा ही विशेष होती है। समिति द्वारा भोग लगाकर विशाल भण्डारा आयोजित किया जाता है। जहां दर्शनार्थियो को प्रसाद बांटा जाता है। जबकि नवरात्रि के अवसर पर मां बिरासिनी भक्तों को नौ रूपों मे दर्शन देती हैं। महाअष्टमी के दिन देवी का विशेष श्रृंगार किया जाता है, जो स्वर्ण जडित होता है। मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण 10वीं शताब्दी में कल्चुरी राजाओं द्वारा कराया गया था।