बांधवगढ़ मे नहीं गल रही कालाबाजारियों की दाल
क्षेत्र संचालक की पहल पर रूकी टिकटों की धांधली, पर्यटकों मे प्रसन्नता
बांधवभूमि न्यूज, रामाभिलाष त्रिपाठी
मध्यप्रदेश
उमरिया
मानपुर। जिले के बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान मे नये साल का जश्न मनाने देश और विदेश के सैलानियों का आना शुरू हो गया है। उम्मीद है कि इस बार भी भारी संख्या मे पर्यटक उद्यान के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेते हुए वर्ष 2024 को विदाई देंगे। ऐसे मौके पर नियम विरूद्ध सफारी तथा टिकटों की कालाबाजारी को नियंत्रित करने क्षेत्र संचालक डॉ. अनुपम सहाय द्वारा विशेष प्रयास किये गये हैं। इतना ही नही कई बार उन्होने स्वयं टिकट काउंटर पर जा कर पूरी व्यवस्था का निरीक्षण किया। जिससे व्यवस्था काफी हद तक बेहतर हुई है। बताया जाता है कि धांधली तथा शोषण रूकने से पर्यटकों मे प्रसन्नता का वातावरण हैं। वहीं फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह की दाल नहीं गलने से उनमे हडकंप मच गया है।
उल्लंघन करने वाहनो पर जुर्माना
इसके अलावा उद्यान के अंदर वाहनो की रफ्तार पर नियंत्रण करने के मकसद से उप संचालक प्रकाश कुमार वर्मा के निर्देश पर जीपीएस से संचालित बघीरा ऐप का संचालन लागू कराया गया। जिससे संरक्षित वनक्षेत्र मे निर्धारित नियमो का उल्लंघन करने वाले वाहनो की जानकारी तत्काल प्रबंधन को होने लगी। इसी के तहत पर्यटन प्रभारी पुष्पा सिंह द्वारा ऐसे वाहनो से करीब 1 से 2 लाख रुपए तक जुर्माना वसूल कर राशि शासन के खाते मे जमा कराई गई। नियमो का उल्लंघन करने वाले कुछ लोग इस व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं, परंतु प्रबंधन इसे जारी रखने पर अडिग है।
गाईडों की मनमानी पर भी लगे अंकुश
भारत सरकार व मध्यप्रदेश शासन द्वारा वन्यप्राणियों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए उद्यान के 20 प्रतिशन संरक्षित क्षेत्र मे ही सफारी संचालन करने का आदेश जारी किया गया। इसके लिये कड़े नियम बनाये गये। जिनमे प्रवेश गेट से पर्यटन वाहन 500 मीटर फांसले पर छोडऩे, पार्क के अंदर दूरी 50 मीटर रखने, वन्य प्राणियों के पास 15-20 मिनट से अधिक न रुकने और उन्हे घेर कर न दिखाना शामिल है। इसके बावजूद वाहनो मे मर्जी के मुताबिक गाइड ले जाने और गाइडों द्वारा नियम विरुद्ध कार्य करने की शिकायतें आती रही हैं। कई मौकों पर बाघ पर पत्थर उछालने एवं आपाधापी मे पर्यटकों से भरी जिप्सी पलटने के मामले भी सामने आये हैं। हलांकि नेशनल पार्क मे गाइडों के लिये भी दिशा-निर्देश निर्धारित हैं। जिनका कड़ाई से पालन होना जरूरी है। वन्यजीव एवं पर्यावरण प्रेमियों की अपेक्षा है कि सैलानियों का शोषण रोकने एवं उनकी सुरक्षा को ध्यान मे रख कर टिकटों की कालाबाजारी पर अंकुश लगाने वाले क्षेत्र संचालक डॉ. अनुपम सहाय पर्यटन वाहनो तथा गाइडों की मनमानी रोकने के लिये भी ठोस पहल करेंगे।