बाघ ने हवामहल मे जमाया डेरा तो जंगली हांथी ने बस्ती मे उखाडा पेड
भय और रोमांच पैदा कर रहे बांधवगढ के वन्यजीव, प्रबंधन ने कहा-हिंसक पशुओं को हल्के मे न लें
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश
उमरिया
जिले के राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ के वन्य जीवों का दर्शन अपने आप मे बडी उपलब्धि मानी जाती है। देश-विदेश से आये सैलानियों की बस एक ही हसरत होती है कि भ्रमण के दौरान बाघ तो मिल ही जाय, परंतु यही जानवर यदि किसी बस्ती मे पहुंच जाय तो सांसें थम जाती हैं। कुछ ऐसा ही हाल इन दिनो पार्क और आसपास के क्षेत्रों का है। कभी बाघ, तेंदुआ तो कभी जंगली हांथी राह चलते लोगों को दिखाई दे रहे हैं। दरअसल नेशनल पार्क के प्रयासों से नकेवल उद्यान बल्कि सामान्य वन क्षेत्रों मे भी दुर्लभ जानवरों की संख्या तेजी से बढी है। यही कारण है कि पनपथा से लेकर घुनघुटी और खितौली से ब्यौहारी की सीमा तक बाघ की दहाड और हाथियों की चिंघाड सुनाई दे रही है। रिहाईशी बस्तियों मे बाघ और हाथियों की मौजूदगी भय के सांथ रोमांच भी पैदा कर रही है।
ठंडक के कारण आते हैं जानवर
रविवार को एक बाघ शावक खितौली परिक्षेत्र अंतर्गत स्थित हवामहल नामक पूरानी बिल्डिंग मे बैठ गया। बताया जाता है कि यह शावक पास के जंगलों मे सक्रिय एक मादा का है। जिसकी उम्र करीब 10 मांह है। नेशनल पार्क केे कर्मचारियों के मुताबिक पेडों के बीच होने से इस स्थान पर काफी ठंडक रहती है। जिसकी वजह से जानवर अक्सर बिल्डिंग मे घुस कर आराम फरमाते हैं। शनिवार को भी शावक कई घंटे यहां बैठा रहा। आराम के बाद वह जंगल मे चला गया। विभागीय अमले के अनुसार शावक की मौजदूगी से साफ है कि उसकी मां बाघिन तथा परिवार के अन्य सदस्य भी आसपास ही हो सकते हैं। इसे देखते हुए पूरी टीम को सक्रिय कर दिया गया है।
कटहल खा कर गिराया पेड
बाघ के अलावा जंगली हाथियों की गतिविधियों से ग्रामीणो को भारी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है। गत दिवस एक हांथी ताला आ गया और पेट्रोल पंप के पास खडे कटहल के पेड से फल तोड कर खाने लगा। कटहल खाने के बाद हांथी ने पेड को भी धराशायी कर दिया। बताया जाता है कि हांथी को महुए के अलावा कटहल भी बहुत ज्यादा पसंद है, जिसकी वजह वे अक्सर स्वादिष्ट भोजन की चाह मे रिहायशी बस्तियों की ओर चले आते हैं।
पार्क मे बर्ड सर्वे 23 से
बांधवगढ नेशनल पार्क मे बर्ड सर्वे का कार्य आगामी 23 मई से शुरू होगा। उक्त जानकारी देते हुए उद्यान के उप संचालक पीके वर्मा ने बताया कि अभी तक सर्दी के सीजन मे यह कार्य कराया जाता था, परंतु इस बार समर सीजन मे गणना कराई जायेगी। इस कार्य मे शामिल होने देश भर के विशेषज्ञ ताला पहुंचेंगे। सर्वे का कार्य 26 मई को संपन्न होगा।