पति की चूक से जा सकती है पत्नी की सरपंची

पति की चूक से जा सकती है पत्नी की सरपंची

शासन के आदेश को लागू करने की कवायद मे जुटा जिला प्रशासन, रखी जा रही नजर

बांधवभूमि न्यूज

मध्यप्रदेश

उमरिया।पतियों द्वारा बैठकों का संचालन अब महिला जनप्रतिनिधियों को मंहगा पडऩे वाला है। इतना ही नहीं ऐसा पाये जाने पर उनका सरपंच और पंच पद भी जा सकता है। दरअसल बीते दिनो शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अवर सचिव शोभा निकुम द्वारा पंचायतों की बैठक मे सरपंच पति के भाग लेने पर प्रतिबंध के संबंध मे एक पत्र जारी किया गया है। राज्य के समस्त कलेक्टर एवं जिला पंचायत व जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को संबोधित इस पत्र मे उल्लेखित है कि मध्यप्रदेश मे त्रिस्तरीय पंचायत राज व्यवस्था को सशक्त बनाने और पंचायतों मे महिलाओं के अधिक प्रतिनिधित्व के उद्देश्य से जिला, जनपद और ग्राम पंचायतों मे उनके लिये 50 प्रतिशत पद आरक्षित किये गये है। त्रिस्तरीय पचायतों मे निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास मे उनकी भूमिका को मजबूत बनाने के उद्देश्य से यह आवश्यक है कि ग्राम सभाओं की बैठकों मे महिला सरपंचों व पंचो की सक्रिय भागीदारी हो। आदेश मे साफतौर पर कहा गया है कि यदि कोई सरपंच या पंच पति महिला सरपंच एवं पंच के स्थान पर ग्रामसभा की बैठको मे भाग लेता पाया जाता है तो संबंधित के विरूद्ध पद से हटाये जाने की विधिवत कार्यवाही प्रारंभ करें।

रह जाते हैं नाम के नुमाइंदे
गौरतलब है कि अनारक्षित पदों पर एक बार निर्वाचित होने के बाद भी लोग पद पर बने रहना चाहते हैं। यही वजह है कि पद महिलाओं के लिये आरक्षित होने पर भी पुरूषों द्वारा अपनी पत्नी अथवा माता को चुनाव लड़ाने की परंपरा उमरिया जिले मे भी प्रचलित है। प्राय: देखा जाता है कि चुनाव जीतने के बाद सरपंच और पंचों का सारा काम उनके पतिदेव ही करते हैं और निर्वाचित महिलायें केवल नाममात्र की जनप्रतिनिधि रह जाती है। और तो और प्रशासनिक और वित्तीय कार्यवाही से लेकर ग्रामसभा की बैठकों मे भी पति महोदय पंच-सरपंच की हैसियत से हिस्सा लेते हैं। ऐसे मे चुने हुए नुमाइंदों का काम केवल हस्ताक्षर करना रह जाता हैं। वो भी फाइलें घर भेज कर करा लिये जाते हैं। इस प्रथा को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है।

सतर्क हुए सरपंच पति
उधर पंचायतों की बैठकों मे सरपंच व पंच पतियों के भाग लेने पर प्रतिबंध के संबंध मे जारी निर्देश का असर जिले मे भी दिखाई पड़ रहा है। इसके उल्लंघन से कार्यवाही का खतरा भांप सरपंच व पंच पति पंचायतों के कामकाज मे खुलेआम दखल से फिलहाल थोड़ा सा परहेज कर रहे हैं।

की जायेगी कार्यवाही
मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा इस आशय का पत्र पूर्व मे ही जारी किया जा चुका है। इसका उल्लंघन पाए जाने पर संबंधित विभाग द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
धरणेन्द्र कुमार जैन
कलेक्टर, उमरिया

होगा नियमो का पालन
महिला आरक्षित पदों पर निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की बजाय अन्य किसी भी व्यक्ति द्वारा ग्राम पंचायत और ग्राम सभा की बैठकों का संचालन किया जाना वर्जित हैं। इस संबंध मे निर्धारित नियमो का पालन सुनिश्चित किया जायेगा।

अभय सिंह
मुख्य कार्यपालन अधिकारी
जिला पंचायत, उमरिया

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