नशे मे झूमते, लडखडाते और गिरते स्वास्थ्य विभाग के खेवैया

नशे मे झूमते, लडखडाते और गिरते स्वास्थ्य विभाग के खेवैया

सुर्खियां बटोर रहा दो लोगों के सांथ बाईकिंग करते सीएमएचओ डॉ. आरके मेहरा का वीडियो  

बांधवभूमि न्यूज

मध्यप्रदेश

उमरिया
नशे मे झूमते, स्टंट करते, रूकते, लडखडा कर गिरते-पडते फिर बमुश्किल उठते एक उम्रदराज बाईकर का वीडियो इस समय जम कर सुर्खियां बटोर रहा है। वीडियो को सोशल मीडिया मे वायरल करने वाले भाजपा नेता सुजीत सिंह भदौरिया का दावा है हवाओं का शौकीन यह व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि जिले की स्वास्थ्य सेवाओं का भार कंधे पर उठाने वाले मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरके मेहरा हैं। बताया जाता है कि सोमवार की शाम के खुशगवार मौसम को देखते ही डॉक्टर साहब का रंगीन मिजाज जाग उठा। वे तुरंत ही बाईक पर दो लोगों को बैठा कर तफरी करने निकल पडे। इतना तो चलता है, पर मेहरा साहब ने तो हद ही पार कर दी। वे इतने मूड मे थे कि कपडे पहनना तक भूल गये। शरीर पर लिबास के नाम पर हाफपेंट और बनियान पहने, ट्रिपल सीट बाईक राइडिंग करते साहब को उनके साथियों ने जब बताया कि आपकी करतूत का वीडियो बनाया जा रहा है, तो उनका स्नायु तंत्र सक्रिय हुआ। वीडियो मे साफ दिख रहा है कि नशे मे धुत्त सीएमएचओ अपने पैरों पर खडे होने की स्थिति मे भी नहीं हैं। इसी बीच उनका एक सांथी उतर कर वीडियो बना रहे श्री भदौरिया को रोकने का प्रयास करता है, तभी अचानक डॉ. मेहरा बाईक सहित लुढक कर सडक़ पर जा गिरते हैं।

मुख्यमंत्री तक पहुचायेंगे मामला
सवाल उठता है कि एक जिला स्तरीय अधिकारी के इस कृत्य से उसके विभाग और समाज को क्या संदेश जाता है। क्या यह आचरण एक लोकसेवक की मर्यादा के विपरीत नहीं हैं। भाजपा नेता सुजीत सिंह ने कहा कि अधिकारियों के ऐसे कृत्य से पूरे महकमे की छवि धूमिल होती है, वे इस घटना से मुख्यमंत्री जी को अवगत करायेंगे।

मदमस्त कर बाबू बैठवा लेते हैं चिडिया
सीएमएचओ डॉ. आरके मेहरा की इसी संवेदनहीनता के चलते जिले की स्वास्थ्य सेवायें पूरी तरह चरमरा गई हैं। उनके  लापरवाही का फायदा विभाग के अधिकारी और शातिर बाबू उठा रहे हैं। सीएमएचओ कार्यालय तो भ्रश्टाचार का अड्डा बन गया है, जहां वर्षो से पदस्थ बाबू सुबह से शाम तक शासन से आई रकम को डकारने की योजनायें बनाते रहते हैं। बताया जाता है कि कार्यालय के डीपीएमयू तथा अन्य बाबू पहले उन्हे मदमस्त करते हैं, फिर मनचाही नोटशीट और आर्डर बनाकर उनसे चिडिया बैठवा लेते हैं। इतना ही नहीं डिजिटल सिग्नेचर का उपयोग कर भुगतान भी करवा लिया जाता है। जब कभी कोई मामला उजागर होता है तो डॉक्टर साहब कहने लगते हैं कि मैने फाईलों पर कब दस्तखत किये।

बिना अनुमोदन लाखों का भुगतान
उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के समय स्वास्थ्य विभाग मे करोडों रूपये की धांधली उजागर हुई थी। जिसे गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने सीएमएचओ कार्यालय की सभी फाईलों के परीक्षण का जिम्मा जिला पंचायत के लेखाधिकारी अखिलेष पाण्डेय को सौंप दिया था। उक्त आदेश अभी भी यथावत है, परंतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरके मेहरा के बाबू प्रेम ने इसे शिथिल जरूर कर दिया है। विभाग से जुडे सूत्रों का कहना है कि अखिलेष पाण्डेय द्वारा नियम विपरीत खरीदी और भुगतान की फाईलों को अप्रूवल नहीं मिलने से परेशान बाबुओं ने नस्तियों को बाईपास करना शुरूकर दिया है। जानकारी के अनुसार बीते फरवरी और मार्च के महीने मे बिना लेखाधिकारी से अनुमोदन कराये लाखों रूपये का भुगतान करा लिया गया है। यदि केवल इन्ही दो महीनो के भुगतान की जांच करा ली जाय तो विभाग की पूरी हकीकत सामने आ सकती है।

कलेक्टर भी हुए थे नाखुश
गौरतलब है कि शासन द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रति मांह करोडों रूपये खर्च करने के बाद भी लोगों को योजनाओं तथा सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। सुविधायें जर्जर होने से जिला अस्पताल के अलावा चंदिया, मानपुर, करकेली तथा बिरङ्क्षसहपुर पाली के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों मे आये दिन बवाल हो रहे हैं। जिला चिकित्सालय की बदहाली को लेकर नाखुशी जाहिर करते हुए कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन द्वारा अस्पताल की मॉनिटरिंग के लिये प्रशासनिक अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। जो सप्ताह के सातो दिन जा कर वहां का निरीक्षण कर रहे है। कलेक्टर के इन्ही कदमो के चलते अस्पताल बिगडी व्यवस्था मे काफी हद तक सुधार हुआ है।

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