धरती के भगवान ने मांगा पोस्टमार्टम रिपोर्ट बनाने का पैसा
घूस लेते रंगे हांथ पकड़े गये सामुदायिक केन्द्र मानपुर के डाक्टर, लोकायुक्त ने दर्ज किया मामला
बांधवभूमि न्यूज, रामाभिलाष त्रिपाठी
मध्यप्रदेश
उमरिया
मानपुर। जिंदगी देना और लेना भले ही ईश्वर के हांथ मे है, पर शरीर को स्वस्थ रखने मे डॉक्टर का बडा योगदान है। व्यक्ति को मौत के मुंह से निकाल कर जीवनदान देने की शक्ति के कारण ही उन्हे धरती के भगवान का दर्जा हांसिल है। इसीलिये समाज भी चिकित्सकों को आदर की दृष्टि से देखता है, परंतु व्यवसायीकरण के इस दौर मे यह सम्मानित पेशा भी अपनी प्रतिष्ठा खोता जा रहा है। आये दिन डॉक्टर ऐसी करतूतें कर देते हैं, जिससे उनकी समूची बिरादरी शर्मसार हो जाती है। ऐसा ही एक मामला गुरूवार को जिले के मानपुर जनपद मे सामने आया, जिसके बाद उमरिया जिला देश और प्रदेश मे चर्चाओं का केन्द्र बन गया। दरअसल लोकायुक्त की टीम ने गत दिवस सामुदाियक स्वास्थ्य केन्द्र मे पदस्थ डॉ. राजेन्द्र मांझाी को तीन हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए धरदबोचा था। बताया गया है कि डॉक्टर साहब द्वारा एक व्यक्ति से उसके भतीजे के मौत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट बनाने के लिये पैसे मांगे जा रहे थे। परेशान होकर पिता ने लोकायुक्त की शरण ली। जिस पर विभागीय टीम ने पूरी तैयारी के सांथ पीडित से पैसे लेते हुए डॉक्टर मांझी को रंगे हांथ पकड लिया।
यह था मामला
जानकारी के मुताबिक वीरेन्द्र यादव निवासी ग्राम चिल्हारी के भतीजे बली यादव की मौत कुछ दिन पहले हो गई थी। जिसकी पीएम रिपोर्ट के लिये वह लगातार अस्पताल के चक्कर काट रहा था। बताया गया है कि डॉ. राजेन्द्र मांझाी पीडित के भतीजे की पीएम रिपोर्ट के लिये 10 हजार रूपये मांग रहे थे। फरियादी ने कहीं से 3000 रूपये का इंतजाम कर उनको दिये भी, परंतु वे कम से कम इतनी ही रकम और देने पर ही काम के लिये राजी थे। थक हार कर वीरेन्द्र ने मामले की शिकायत लोकायुक्त रीवा मे जाकर की। विभाग के पुलिस अधीक्षक गोपाल सिंह धाकड़ द्वारा घटना का सत्यापन करने के उपरांत टीम गठित कर कार्यवाही के निर्देश जारी किये। लोकायुक्त की प्लानिंग के अनुसार जैसे ही वीरेन्द्र यादव ने 3000 रुपए रिश्वत डॉक्टर को थमाई, मौके पर मौजूद अधिकारियों ने उन्हे ट्रैप कर लिया। इस मामले मे आरोपी डॉक्टर के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया गया है। लोकायुक्त के उप पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र कुमार की अगुवाई मे हुई इस कार्यवाही मे उप अधीक्षक राजेश खेड़े सहित विभाग के 12 अधिकारी, कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।
चल रहा मौत के कारण बदलने का खेल
जिले मे काफी दिनो से कूटरचित पोस्टमार्टम रिपोर्ट बनवाने का खेल चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक सर्पदंश और पानी मे डूबने सहित कुछ अन्य प्राकृतिक आपदाओं से मृत्यु होने पर शासन द्वारा मृतक के आश्रित को आर्थिक सहायता प्रदान करने का प्रावधान है। कई प्रकरणो मे तो परिजनो को सरकार की ओर से चार लाख रूपये तक का मुआवजा दिया जाता है। ऐसी ही योजनाओं का लाभ उठाने की जुगत मे लोगों द्वारा डाक्टरों से पीएम रिपोर्ट मे अपने हिसाब से कारण लिखवा लिया जाता है। ताकि योजनाओं की पात्रता मिल सकें। यह अत्यंत गंभीर कृत्य होने के सांथ दण्डनीय अपराध भी हैं।