धान का 232 करोड़ रूपये भुगतान लंबित

धान का 232 करोड़ रूपये भुगतान लंबित

पैसा न मिलने से मचा हाहाकार, परेशान जिले के किसान

बांधवभूमि न्यूज

मध्यप्रदेश

उमरिया

जिले मे उपार्जित धान के भुगतान मे हो रही देरी से किसानो की परेशानी बढ़ गई है। पैसे के आभाव मे उनके कई सारे काम रूक गये हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत खरीफ और रबी की फसल के लिये ली गई उधारी है। जानकारों का मत है कि जिले के कई लोग खेती तथा घर-परिवार के जरूरतों की पूर्ति के लिये बैंकों से लेकर साहूकारों तक से कर्ज लेते हैं, फिर उस रकम की ब्याज सहित अदायगी उपज बेंच कर की जाती है। यह पहली बार है कि किसानो को अपनी फसल बेंचने के बाद इतना लंबा इंतजार करना पड़ा है। सूत्रों के मुताबिक जिले मे 2 दिसंबर 2024 से अब तक 17 हजार 187 किसानो से 270.36 करोड़ रूपये की धान खरीदी गई है। जिसमे से महज 2838 किसानो के खाते मे 38.02 करोड़ रूपये अंतरित हुए हैं। शेष 14 हजार 349 किसानो का 232.34 करोड़ रूपये अभी लंबित है।

20 दिन पहले बेंची थी धान
कई किसानो ने बांधवभूमि को बताया है कि उनके द्वारा 10 से 12 दिसंबर के बीच संबंधित समर्थन मूल्य केन्द्रों मे जाकर अपनी उपज बेंच दी गई थी। जिसका पैसा अभी तक नहीं आया है। खाद्य विभाग की जानकारी भी इस बात की पुष्टि करती है। विभाग द्वारा नियमित रूप से जारी किये जाने वाले खरीदी विवरण प्रपत्र मे करीब दस से बारह दिनो से भुगतान का जो आंकड़ा प्रसारित किया रहा है, वह 38 करोड़ का है। इसका मतलब है कि करीब एक पखवाड़े से किसानो के खातों मे एक रूपये का भी भुगतान नहीं हुआ है।

बाजारों मे छाया सन्नाटा
गौरतलब है कि जिले का अधिकांश कारोबार सरकारी योजनाओं और खेती पर निर्भर है। यही कारण है कि फसल कटते ही व्यापार मे भी उठाव शुरू हो जाता है। भुगतान मे हो रही देरी का असर इस पर साफ दिखाई दे रहा है। शहरों से लेकर ग्रामीण अंचलों तक के बाजार सूने पड़े हैं। बिजनेस एक्सपर्ट का मानना है कि बीते करीब एक साल से शासकीय विभागों मे पैसे की भारी किल्लत बनी हुई है। जिसके बाद अब सारा दारोमदार खेती-किसान पर है। जिले मे इस बार करीब 300 करोड़ रूपये की धान उपार्जन होना है। यह कोई छोटी-मोटी रकम नहीं है। यह पैसा जैसे ही किसानो से होते है बाजार मे पहुंचेगा, व्यापार की मंदी भी छटने लगेगी।

अब तक 101018.6 मीट्रिक टन खरीदी
जिले मे धान उपार्जन के लिये कुल 42 केन्द्र बनाये गये हैं। जहां 2300 प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य की दर से उपज की खरीदी की जा रही है। जबकि पंजीकृत किसानो की संख्या 24073 है। अब तक 17187 किसानो से 101018.6 मीट्रिक टन उपज खरीदी गई है। इसमे से 59239.9 मीट्रिक टन धान का परिवहन हुआ है। धान का उपार्जन 24 जनवरी 2025 तक किया जायेगा।

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