तो बंद हो जायेगा उमरिया मे विमानो का आवागमन

तो बंद हो जायेगा उमरिया मे विमानो का आवागमन

जर्जर हुई जिले की हवाई पट्टी, विस्तार और रखरखाव की कोई योजना नहीं

बांधवभूमि न्यूज

मध्यप्रदेश

उमरिया
एक ओर केन्द्र और राज्य सरकार लगातार मध्यप्रदेश के छोटे-बडे शहरों को हवाई नक्शे से जोडने की कवायद मे जुटी हुई है। तो दूसरी तरफ करोड़ों रूपये खर्च कर उमरिया मे बनवाई गई हवाई पट्टी की ओर किसी का भी ध्यान नहीं जा रहा है। जोकि उपेक्षा के कारण पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। स्ट्रिप मे जगह-जगह दरारें पड़ गई हैं, इतना ही नहीं बारिश मे चारों तरफ होने वाले पानी के भराव की समस्या बनी हुई है। जानकारों का मानना है कि जल्दी ही हवाई पट्टी का मेंटीनेंन्स नहीं हुआ तो यहां पर विमानो का आवागमन रूक जायेगा। और यदि एकबार ऐसा हुआ तो इस हवाई पट्टी का हाल भी शहडोल जिले की लालपुर स्ट्रिप जैसा हो जायेगा। जो जिले के पर्यटन तथा विकास की संभावनाओं पर बड़ा आघात साबित होगा।

पीडब्ल्यूडी ने खींच लिये हांथ
बताया गया है कि लोक निर्माण विभाग के स्थाई समिति की 256वीं बैठक मे जिला मुख्यालय के 1.52 किमी लंबे रनवे का रखरखाव तथा अन्य कार्यो के लिये 503.47 लाख रूपये की स्वीकृति मिली थी। जिसे 13 मार्च 2024 को मुख्य अभियंता (रीवा परियोजना) लोक निर्माण विभाग की अनुशंसा से निरस्त कर दिया गया। विभागीय सूत्रों का दावा है कि भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण द्वारा पैसा नहीं दिये जाने के कारण विभाग ने उक्त कार्य से हांथ खींच लिये हैं।

बडे नाजों से मिली थी सौगात
गौरतलब है कि उमरिया मे हवाई पट्टी की सौगात दिग्विजय सरकार के समय बड़ी मशक्कत से मिली थी। कहा जाता है कि उस समय इसे सतना जिले मे अमरपाटन के आसपास ले जाने की भरसक कोशिश हुई, परंतु तत्कालीन जनप्रतिनिधियों के प्रयासों से ऐसा नहीं हुआ। पहले चरण मे 1.52 किमी लंबे रनवे का निर्माण हुआ। जिसके बाद भरौला पहाड़ को तोडक़र इसे 500 मीटर और बढ़ाया जाना था, ताकि इस पर बडे विमानो की आवाजाही हो सके। अब विस्तार तो दूर जितना बना है, उसकी मेंटीनेंस तक के लाले पड़ रहे हैं।

निजी कम्पनी का काम केवल पैसा वसूलना
मजे की बात यह है कि लागत और मुआवजे पर करोड़ों रूपये खर्च कर बनवाई गई उमरिया की हवाई पट्टी मेसर्स राजस एरोस्पोर्ट एण्ड एडवेंचर्स प्रायवेट लिमिटेड गढ़वाल उत्तराखण्ड को सौंप दी गई है। विभाग से जुड़े लोगों ने बताया कि यह कम्पनी हवाई पट्टी पर प्रत्येक हेलीकॉप्टर तथा वायुयान की लैंडिंग और टेक ऑफ करने का हजारों रूपये फीस के रूप मे वसूलती है, परंतु मेंटीनेंस उसकी जिम्मेदारी नहीं है। यह किस तरह का करार है कि कमाई निजी कम्पनी करे और रखरखाव  सरकारी पैसे से हो।

विमान पत्तन ने मांगा प्रस्ताव
यह भी जानकारी मिली है कि भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण द्वारा हवाई पट्टी के 500 मीटर विस्तार के लिये जिले के लोक निर्माण विभाग से प्रस्ताव मांगा है। तकनीकी विशेषज्ञों का कहना है कि यह पट्टी अब केवल आगे की ओर ही बढ़ सकती हैं। इसमे कुछ दिक्कते हैं, परंतु स्थानीय जनप्रतिनिधि अगर दिलचस्पी दिखायें तो इसे आसानी से किया जा सकता है।

Advertisements
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *