तीन गुना बढ़ी मरीजों की संख्या
जिले मे वायरल का कहर, कमजोर इम्युनिटी वाले मरीजों पर भारी पड़ रहा बदलता मौसम
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश
उमरिया
मौसम मे बार-बार हो रहा परिवर्तन लोगों के लिये समस्या का सबब बन गया है। इन दिनो जिले के सभी अस्पतालों मे मरीजों की संख्या मे अचानक वृद्धि देखी जा रही है। जानकारी के अनुसार जिला चिकित्सालय की ओपीडी मे जांच कराने वालों की लंबी कतारें देखी जा सकती हैं, जबकि वार्डो मे भर्ती रोगियों की तादाद मे भी खासा इजाफा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक यह संख्या आम दिनो की अपेक्षा लगभग तीन गुनी से भी अधिक है। खास बात यह है कि अधिकांश रोगियों मे बीमारी के लक्षण एक जैसे ही हैं। डाक्टरों का कहना है कि बारिश के बीच वातावरण का बदलाव शरीर पर विपरीत असर डाल रहा है। जिसकी वजह से सर्दी, खांसी और जुकाम की शिकायत बढी है। वायरल का संक्रमण कमजोर इम्युनिटी वाले बच्चों, महिलाओं, बुजुगों और नागरिकों को जल्दी अपनी गिरफ्त मे ले रहा है। जानकारों का मानना है कि जब तक मौसम मे स्थायित्व नहीं आ जाता, तब तक वायरल का प्रकोप जारी रह सकता है।
आखों मे जलन, स्किन डिसीज
कभी गर्मी, कभी बारिश, कभी उमस के कारण जिले मे मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है। इससे सर्दी, खांसी, जुकाम के साथ, आंखों मे जलन और स्किन डिसीज की समस्या मे बढोत्तरी हुई है। चिकित्सा विषेशज्ञ बताते हैं कि हाल ही मे हर्पीज और जोस्टर वायरस का संक्रमण भी बढ़ा है। डॉक्टरों ने बताया कि जिला चिकित्सालय की ओपीडी मे पहले 100 से 200 लोग पहुंचते थे, पर अब संख्या 600 के आसपास हो गई है। इसी तरह अस्पताल मे रोजाना 100 के करीब रोगी भर्ती होते थे, जो बढ कर 300 से 350 तक हो गये हैं। इस बार सर्दी, खांसी, जुकाम के साथ कमजोरी इतनी ज्यादा है कि मरीजों को ठीक होने में 7-10 दिन लग रहे हैं। चिकित्सकों के अनुसार खानपान और रहन-सहन पर ध्यान दिया जाय तो इस तरह के प्रकोप से बचा जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को मच्छरों से बचने और घर व आसपास सफाई रखने की सलाह दी जा रही है।
कोरोना जैसी स्थिति
बीते कुछ दिनो से मौसम दिन मे तो गर्म रहता है, लेकिन सुबह और रात मे तापमान कमी आ जाती है। जिसकी वजह से बॉडी को बार-बार खुद को तैयार करना पडता है। चिकित्सा विषेशज्ञों का मानना है कि सडक़ों पर जमा पानी मे मौजूद बैक्टीरिया-वायरस आंखों मे कंजेक्टिवाइटिस संक्रमण फैला फैलाते हैं। बिना साफ-सफाई हाथों से आंखों को छूने से आंखों मे जलन, रेडनेस भी नमी और पसीने के कारण त्वचा पर खुजली, दाने और फंगल इंफेक्शन होता है। क्योंकि नमी मे बैक्टीरिया पनपते हैं। खासतौर पर पैर और नाखूनों के आस-पास संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है। बदलते मौसम और बढ़ती नमी के कारण वायरल बुखार, सर्दी-खांसी और गले मे खराश जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। इस दौरान वायरल फीवर और सांस लेने मे तकलीफ की शिकायत लेकर आने वाली गर्भवती महिलाओं की संख्या मे 25 फीसदी इजाफा हुआ है। इनकी जांच मे डी डायमर बढ़ा हुआ पाया जा रहा है। ऐसी स्थिति कोविड या वायरल इंफेक्शन के दौरान भी बनती है।
विशेष एहतियात बरतने की जरूरत
वातावरण मे बदलाव के कारण वायरल संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इसके लिये लोगों को खान-पान के सांथ समीपी वातावरण को भी स्वच्छ रखना जरूरी है। इंफेक्षन से बचने के लिये रोगियों से दूर रहें। छींकते समय मुंह पर हांथ लगायें और मास्क अनिवार्य रूप से पहने। ठंडे पानी, आईस्क्रीम, कोल्ड ड्रिंक्स तथा धूम्रपान का इस्तेमाल न करें। समस्या होने पर तत्काल नजदीकी अस्पताल जा कर जांच करायें। विषेश कर यदि सांस लेने मे दिक्कत हो तो बिलकुल भी लापरवाही न करते हुए अपना इलाज करायें।
डॉ. केसी सोनी
सिविल सर्जन
जिला चिकित्सालय, उमरिया