जिले मे बढ़ी पेट के रोगियों की संख्या

जिले मे बढ़ी पेट के रोगियों की संख्या

अनियमित दिनचर्या, फास्ट फूड और अशुद्ध पदार्थो का सेवन बना समस्या

बांधवभूमि न्यूज

मध्यप्रदेश

उमरिया
जिले मे भी इन दिनो पेट की समस्या से पीडि़त मरीजों की संख्या मे बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। अस्पतालों मे तथा डाक्टरों के पास अधिकांश लोग इसी से जुड़ी परेशानी लेकर आ रहे हैं। इसका मुख्य कारण अनियमित दिनचर्या, फास्टफूट और होटलों मे बिक रहे अशुद्ध खाद्य पदार्थो का सेवन बताया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि ज्यादातर मामलों मे पेट की दिक्कत खुद की आदतों की वजह से खड़ी होती है। एक बार यदि व्यक्ति इस झमेले मे फंसा तो इससे निजात पाना काफी मुश्किल है।

युवाओं, बच्चों मे बढ़ा क्रेज
पिछले कुछ समय से समाज मे फास्ट फूड का क्रेज तेजी से बढ़ा है। मोटी कमाई के कारण बड़ी-बड़ी मल्टीनेशनल कम्पनियां इस कारोबार मे उतर गई हैं। जो फास्ट और जंक फूड के प्रचार प्रसार पर करोड़ों रूपये खर्च कर रही हैं। जिसका असर विशेषकर नई पीढ़ी पर अधिक पड़ा है। बर्गर, पिज़्ज़ा, फ्रेंच फाइज और चाउमीन की दुकानों पर युवाओं और बच्चों की भीड़ खड़ी देखी जा रही है। अब तो घरों मे भी फास्ट फूड बनाया जा रहा है, क्योंकि यह खाने मे स्वादिष्ट होने के साथ जल्दी तैयार हो जाते हैं। अधिकतर लोग इसके नुकसान को अनदेखा कर देते हैं। केवल बाजार मे बिकने वाले फास्ट फूड को जंक फूड नहीं कहा जा सकता।  कुलचे छोले, छोले भटूरे, पकौड़े आदि कुछ इंडियन फूड भी इसी श्रेणी मे आते हैं। जिनका अधिक मात्रा मे सेवन स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकता है।

शरीर के लिये घातक
चिकित्सकों केे मुताबिक फास्ट फूड के अधिक सेवन से मोटापा, अस्थमा, सर दर्द, दांतों में कैविटी, हाई ब्लड प्रेशर और कई स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा यह खराब कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है और अच्छे कोलेस्ट्राल को कम करता है, जिससे दिल की बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। उनका कहना है कि जो लोग पहले से ही हेल्दी हैं उनके फास्ट फूड का सेवन तुरंत बंद कर देना चाहिये। इससे शरीन वजन बढऩे लगता है।

महीनो तक एक ही तेल का इस्तेमाल
लोग सुबह और शाम नास्ते मे समोसा, चाट, कचोरी, जलेबी, पोहा इत्यादि भी बड़े चाव से खाते हैं। कई होटल, रेस्टारेंट तथा ठेलों मे यह सामग्री बेहद अन हाईजेनिक तरीके से तैयार की जाती है। इतना ही नहीं सामान बना कर बचा हुआ तेल एक डिब्बे मे रख दिया जाता है।  जिसका उपयोग महीनो तक होता है। इस तरह के तेल से बनी तथा खुले मे रखी सामग्री का सेवन गंभीर बीमारियों को पनपने का मौका देता है। ऐसे मे कोई भी खाद्य पदार्थ स्वच्छता मे मापदंडों को पूरा करने वाली दुकानो से ही खरीदा जाना चहिये।

फल, हरी सब्जियां और व्यायाम अपनायें


पौष्टिक व शुद्ध खानपान और व्यायाम से दूरी के कारण पेट के रोगियों की संख्या मे इजाफा हो रहा है। यह बीमारी गंभीर रूप भी ले सकती है। इससे बचाव के लिये नियमित दिनचर्या अपनायें। रोजाना वर्क आउट करें। खाने मे हरी सब्जियां, फल और सलाद को शामिल करें। ज्यादा पानी पियें। फास्ट फूड तथा बाहर की सामग्री से दूरी बनायें तथा घर के भोजन को प्राथमिकता दें।
डॉ. बीके प्रजापति
वरिष्ठ चिकित्सक, उमरिया

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