जिले मे नरवाई जलाने पर लगा प्रतिबंध

जिले मे नरवाई जलाने पर लगा प्रतिबंध

कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन ने जारी किया आदेश, कृषकों को दी समझाईश

बांधवभूमि न्यूज

मध्यप्रदेश

उमरिया
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी धरणेंद्र कुमार जैन ने जिले मे धान की नरवाई जलाने पर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये हैं। उन्होने बताया कि गेहूं एवं धान के फसल की कटाई अधिकांशत: कंबाइन हार्वेस्टर से की जाती है। कटाई उपरांत बचे हुए गेहूं के डंठलों (नरवाई) तथा धान के पैरा को जला देने से पशु आहार एवं ईंट-भट्टा आदि उद्योगों के लिये ईधन की कमी उत्पन्न होती है। भूसे एवं धान के पैरा की मांग प्रदेश के जिलों और अन्य राज्यों मे भी होती है। जोकि 4-5 प्रति किलोग्राम की दर पर विक्रय किया जा सकता है।

पर्यावरण को नुकसान
कलेक्टर ने कहा कि आने वाले महीनो मे भूसा दोगनी दर पर विक्रय होता है। इसकी कमी के कारण कृषकों को यह बढ़ी हुई दरों पर क्रय करना पड़ता है। इसके साथ ही नरवाई एवं धान के पैरा मे आग लगाना कृषि के लिए नुकसानदायक होने के साथ ही पर्यावरण की दृष्टि से भी हानिकारक है। इससे गंभीर अग्नि दुर्घटनाओं की भी संभावना बनी रहती है। खेत की आग से जन धन, संपत्ति, मिट्टी मे पाई जाने वाली प्राकृतिक वनस्पति, जीव जंतु व सूक्ष्म जीवाणु नष्ट हो जाते हैं। इससे खेत की उर्वरा शक्ति घट रही है जिससे उत्पादन प्रभावित हो रहा है।

धारा 223 के तहत कारवाई
जारी आदेश मे कहा गया है कि गेहूं एवं धान की फसल कटाई उपरांत बचे हुए डंठलो (नरवाई) तथा धान के पैरा को जलाना प्रतिबंधित करने के लिये भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 अंतर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी करना आवश्यक है। अत्यावश्यक परिस्थितियां निर्मित होने व समयाभाव के कारण सार्वजनिक रूप से जनसामान्य को सूचना देकर आपत्तियों को सुना जाना संभव नहीं है। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत जन सामान्य के हित सार्वजनिक संपति की सुरक्षा पर्यावरण की हानि रोकने एंव लोक व्यवस्था बनाये रखने हेतु प्रत्येक कंबाइन हार्वेस्टर के साथ भूसा तैयार करने हेतु स्ट्रा रीपर अनिवार्य करते हुये संपूर्ण उमरिया जिले की राजस्व सीमा क्षेत्र में गेहूं एव धान की फसल कटाई उपरांत बचे हुए गेहू के डंठलो (नरवाई) तथा धान के पैरा को जलाने (आग लगाये जाने) को एकपक्षीय रूप से प्रतिबंधित किया है। आदेश का उल्लंघन भा.न्या.सं. की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय होगा।

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