जिले मे दिख रहे अजनबी चेहरे
अपराध बढऩे का कारण हो सकते हैं बाहरी, कई तरीके से हो रही आमद
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश
उमरिया
जिले के अलग-अलग हिस्सों मे हो रही चोरी, लूट तथा अन्य अपराधों के बढ़ते मामलों ने पुलिस को परेशान कर दिया है। ऐसी वारदातों को अंजाम देने वालों के तौर तरीके बताते हैं कि वे आदतन अपराधी हैं। बीते 16 दिसंबर को कैम्प मोहल्ले मे एक वृद्ध महिला से हुई जेवरों की लूट का प्रकरण भी यही संकेत देता है। सूत्रों के मुताबिक आरोपी घटना कारित कर चंदेल होटल से गांधी चौक की तरफ तो बढ़े, पर उस तरफ न जा कर वे सोनू लाज के सामने वाली सब्जी गली से स्टेडियम की ओर निकल गये। लुटेरों को इस बात का इल्म था कि गांधी चौक की ओर जाने से वे किसी न किसी सीसीटीवी कैमरे के दायरे मे आ सकते हैं। संभवत: उन्होने यह रास्ता इसलिये अपनाया ताकि खतरे की कोई गुंजाईश न रहे।
कोई हिसाब-किताब नहीं
जानकारों का मानना है कि इस तरह के अपराधों मे बाहरी तत्वों का हांथ हो सकता है। वैसे भी इन दिनो पूरे जिले मे अजनबी चेहरों की तादाद बेहद तेजी से बढ़ी है। केवल शहरी ही नहीं ग्रामीण अंचलों मे भी नये-नये लोगों की आमद हो रही है। बांधवगढ़ से लेकर चंदिया, मानपुर, पाली, नौरोजाबाद आदि तहसीलों मे हजारों एकड़ जमीने खरीद कर फार्म हाऊस बना लिये गये हैं। दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, गुजरात सहित अनेक प्रांतों से आये इन धनकुबेरों के खेत और फार्म हाऊसों की देखरेख करने वाले कर्मचारियों की संख्या भी कम नहीं है। डेन्टिंग, पेंटिंग, टायर की दुकान, रेहड़ी लगा कर प्याज, लहसुन से लेकर कंबल तथा विभिन्न सामग्रियां बेंचने वालों तथा फायनेंस आदि कम्पनियों के कर्मचारियों का तो कोई हिसाब ही नहीं है। इसी तरह कोयलांचल मे भी कामगारों के रिश्तेदार बन कर छुट्टियां बिताने वालों की तादाद भी बहुत बड़ी है।
एक तरफ से हो पड़ताल
गौरतलब है कि रोजगार की दयनीय हालत के कारण उमरिया के हजारों युवा परदेस मे नौकरियां करने पर मजबूर हैं। ऐसे मे अन्य शहरों और प्रदेशों से सिर्फ काम के लिये यहां आने की बात संशय पैदा करती है। बताया गया है कि कई लोग वर्षो से जिले मे रेहड़ी, गुमटियां, दुकान लगाने के अलावा छोटी-मोटी नौकरियां कर रहे हैं। हो सकता है कि इनमे से कोई अपने गांव या शहर मे कोई अपराध कर जिले के फरारी काटने आया हो। लिहाजा नागरिकों की सुरक्षा और शांति कायम रखने के लिये जिले मे आये हर बाहरी व्यक्ति का एक तरफ से ट्रैक रिकार्ड खंगाल कर उसके आचरण की पड़ताल जरूरी है।
आसानी से मिल जाता है प्रश्रय
उमरिया हमेशा से अतिथि देवो भव की संस्कृति का सम्मान करने वाला समाज रहा है। स्थानीय नागरिक आज भी उसी भावना के सांथ जल्दी ही किसी भी व्यक्ति पर विश्वास कर उन्हे मदद या प्रश्रय दे देते हैं। आज भी जिले मे बाहर से आये हजारों लोग किराये की गुमटियां, दुकान और घर लिये हुए हैं। हलांकि बदलते परिवेश मे यह सहजता कई तरह के जोखिम भी लेकर आ रही है।
किरायेदार की सूचना अनिवार्य
किसी भी तरह की संपत्ति किराये पर देने से पूर्व किरायेदार का विवरण और दस्तावेज सहित सूचना नजदीकी थाने मे दर्ज कराना जरूरी है। कानूनी कार्यवाही अथवा अप्रिय स्थिति से बचने के लिये नागरिक इस नियम का अनिवार्य रूप से पालन करें। सांथ ही संदिग्ध व्यक्तियों के संबंध मे जानकारी तत्काल पुलिस को देकर सहयोग प्रदान करें।
बालेन्द्र शर्मा
थाना प्रभारी
कोतवाली, उमरिया