जिले पर मंडराया लेप्टोस्पाइरासिस का खतरा
संक्रमित तीन मरीजों मे से दो की मौत, स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश, उमरिया
बेहद घातक बीमारी लेप्टोस्पाइरासिस ने जिले मे पैर पसार लिये हैं। इस संक्रामक रोग से अब तक तीन लोगों के ग्रसित होने की पुष्टि हुई है, जिनमे से दो मरीजों की मौत हो चुकी है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया। विभाग ने एक एडवाइजरी जारी कर नागरिकों को सतर्क और सावधान रहने की सलाह दी है। बताया गया है कि विगत दिनो जिले के तीन लोगों मे इसके लक्षण देखे गये थे। जिनमे आर्या पटेल पिता रामध्रुव पटेल 03 निवासी ग्राम नौगवां एवं अजय बैगा पिता रमाकांत बैगा 13 निवासी ग्राम सेमरा विकासखण्ड मानपुर की मेडिकल कॉलेज जबलपुर मे इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। जबकि कपिल सचदेव पिता महेश सचदेव 35 निवासी शांती मार्ग उमरिया मेडिकल कॉलज जबलपुर मे ईलाजरत है। आईसीएमआर जबलपुर लैब द्वारा जारी रिपोर्ट मे तीनो मरीज लेप्टोस्पाइरासिस पॉजिटिव पाये गये है।
इंसानो से नहीं फैलती बीमारी
जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरके मेहरा ने बताया कि लेप्टोस्पाइरासिस एक जानलेवा रोग है। जो इंसानो से इंसानो मे नहीं फैलता। बल्कि बैक्टीरिया से संक्रमित जानवरों के जरिये विस्तार करता है। विशेषकर चूहों तथा विभिन्न जंगली और घरेलू जानवरों के मूत्र के जरिये यह तेजी से अपना प्रभाव बढ़ाता है। इसके बैक्टीरिया पानी या मिट्टी मे मिलने के सांथ वहां हप्तों से लेकर महीनों तक जीवित भी रह सकते है। यही बैक्टीरिया जानवरों से मनुष्यों को संक्रमित कर देते हैं। उन्होने बताया कि यह जूनोटिक और गैर संक्रामक बीमारी है।
लेप्टोस्पाइरासिस के लक्षण
लेप्टोस्पाइरासिस दो चरणो मे हो सकता है। पहले चरण मे रोगी को बुखार, ठण्ड, सिर दर्द, मांस पेशियों मे दर्द, उल्टी, दस्त लगना, घबराहट की शिकायत होती है। कुछ समय के लिये रोगी ठीक हो सकता है, लेकिन वह फिर से बीमार हो जाता है। दूसरे चरण मे उसकी हालत अधिक गंभीर हो जाती है। इससे किडनी, लीवर फेलियर या मैनिनजाइटिस जैसी समस्या भी हो सकत है।
जांच और इलाज
इस बीमारी की जांच आईजीएम टेस्ट द्वारा की जाती है। जो आईसीएमआर लैब जबलपुर मे होती है। जिसकी रिपोर्ट 15 से 20 दिने मे प्राप्त होती है। लैब टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद डॉक्टर की सलाह पर पैनीसिलीन और डाक्सीसाईक्लीन एण्टी बायोटिक एवं लक्षणो के आधार पर भर्ती कर समुचित उपचार किया जाता है। लेप्टोस्पाइरासिस बीमारी से बचाव के लिये घरों मे चूहों को पकडऩे हेतु चूहेदानी का उपयोग, खाने-पीने की वस्तुओं को ढंक कर रखने एवं बुखार आने पर नजदीकी अस्पताल सेे संपर्क कर खून की जाच कराना आवश्यक है। चिकित्सकों के अनुसार बीमारी का समुचित इलाज संभव है। इसमे घबराने एवं डरने की आवश्यकता नही है। सिर्फ जांच तथा उपचार अत्यंत आवश्यक है।
जांच हेतु भेजे जा रहे सेम्पल
सीएमएचओ ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा संक्रमित तीनों मरीजों के घर जाकर मामले की पुष्टि की गई। तीनों स्थानों पर रैपिड रिस्पांस टीम के दल द्वारा पीडित मरीज के घर एवं उसके आसपास रहने वालों सेे लेप्टोस्पाइरासिस बीमारी के लक्षणों की जानकारी ली जा रही है। जिन मरीजों मे लक्षण पाये जा रहे हैं, उनका ब्लड सेम्पल एकत्रित कर जांच हेतु भेजने के सांथ आरआरटी टीम लोगों को समझाइश भी दे रही है।