जनता चाहती है लगे कलकत्ता बाजार
सस्ते और टिकाऊ माल ने बढाई लोकप्रियता, स्थानीय कपडा व्यापारी कर रहे विरोध
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश
उमरिया
हर बार की तरह इस वर्ष भी स्थानीय व्यापारी नगर मे कलकत्ता बाजार लगने का विरोध कर रहे हैं। शुक्रवार को कपडा और रेडीमेड दुकानदारों ने बाजार बंद कराने की कोशिश की तथा नारेबाजी करते हुए रैली निकाली। हलांकि उनका प्रदर्शन बेअसर रहा और कुछ ही देर मे सभी दुकाने खुल गई। व्यापारियों का कहना है कि हर बार त्यौहारी सीजन मे बाहर से आये लोग यहां आकर दुकाने लगाते हैं जिससे उनका व्यापार ठप्प पड जाता है। इन लोगों को ना तो कोई टेक्स लगता है और नां ही किराया। जबकि स्थायी दुकानदारों को तरह-तरह के खर्च सहने पडते हैं। वहीं दूसरी ओर जनता हर हालत मे कलकत्ता बाजार की हिमायत कर रही है। इस संबंध मे चर्चा करते हुए कुछ महिला और पुरूषों ने बताया कि बंगाली दुकानदारों का कपडा बेहद सस्ता और टिकाऊ होता है। जिस शर्ट या पेंट की कीमत अन्य दुकानो मे 1000 रूपये है, वह यहां महज 400 से 500 रूपये मे मिल जाती है। शायद इसी वजह से कलकत्ता के कारोबारियों ने शहर मे ही नहीं पूरे जिले मे लोकप्रियता हांसिल कर ली है। बताया जाता है कि मध्यम वर्ग के परिवार तो साल भर उनके आने का इंतजार करते हैं। बाजार सजते ही इंदवार से लेकर घुनघुटी, मानपुर और चंदिया क्षेत्र से लोग इन दुकानो मे उमडते हैं। इस दौरान बस और टेक्सी संचालकों को जम कर सवारियां भी मिलती हैं।
कानून मे रोक का प्रावधान नहीं
उल्लेखनीय है कि करीब 20 वर्षो से सावन के सीजन मे पश्चिम बंगाल से कई व्यापारी आकर नगर मे दुकाने लगाते हैं। स्थानीय दुकानदार भी तभी से उनका विरोध करते चले आये हैं। देश का कानून और संविधान हर भारतीय को देश के किसी भी हिस्से मे कारोबार करने की इजाजत देता है, लिहाजा नियमानुसार तो बंगालियों को व्यापार करने से नहीं रोका जा सकता। समझा जाता है कि इसी वजह से प्रशासन भी इस पचडे से दूर ही रहना चाहता है। जानकारी के अनुसार इस बार कलकत्ता के कारोबारी पहले से भी ज्यादा स्टॉक लेकर पहुंचे हैं। जिन्हे सब्जी मण्डी के आसपास दुकाने लगाने की जगह दी गई है।
उमरिया चेम्बर आफ कॉमर्स ने लगाया रोटी सेंकने का आरोप
इधर जिले के प्रमुख व्यापारिक संगठन उमरिया चेम्बर आफ कामर्स के अध्यक्ष रतन खण्डेलवाल ने इस मामले मे कुछ व्यापारी संगठनो द्वारा स्वार्थ की रोटी सेंकने का आरोप लगाते हुए कहा है कि देश मे सभी के लिये एक ही कानून लागू है। व्यापार मे प्रतिस्पर्धा होनी चाहिये। इसका फायदा आम आदमी को मिलता है। कलकत्ता से जो व्यापारी आते हैं, उनसे मुख्य रूप से नगर तथा ग्रामीण अंचल के मध्यम तथा गरीब तबके के लोग कपडा और रेडीमेड खरीदते हैं। जब मीलों दूर से आकर बाहरी दुकानदार सस्ता सामान बेंच सकते हैं, तो यहां के व्यापारी ऐसा क्यों नहीं कर सकते। श्री खण्डेलवाल ने प्रशासन पर दबाव डाल कर जबरन दुकाने न लगाने के प्रयास की निंदा की है।
कम पैसे मे कपडा उपलब्ध कराने वालों को न हो मनाही: विधायक
वहीं उक्त मामले मे बांधवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक शिवनारायण सिंह ने कहा कि क्षेत्र के ग्रामीणों को यदि कम पैसे मे त्योहारों के समय कपड़े उपलब्ध हो पा रहे हैं। तो ऐसे व्यापारियों को नगर मे व्यापार करने की मनाही नहीं होनी चाहिए। स्वस्थ्य व्यापारिक प्रतिस्पर्धा के साथ मे सभी व्यापारियों को व्यापार करना चाहिये। जिससे आम जनता का लाभ हो सके। प्रतिस्पर्धा बढऩे से व्यवसाय भी बढ़ता है।