कोहरे की धुंध और कडक़ड़ाती ठंड के बीच उत्तरायण हुए सूर्य

कोहरे की धुंध और कडक़ड़ाती ठंड के बीच उत्तरायण हुए सूर्य

जिले मे छाया मकर संक्रांति का उल्लास, मंदिरों मे उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

बांधवभूमि न्यूज, उमरिया

मध्यप्रदेश

उमरिया
मंगलवार को गहरे कोहरे की धुंध और कडक़ड़ाती ठंड के बीच सूर्य देव उत्तरायण हुए। इस ऐतिहासिक खगोलीय और धार्मिक संयोग का प्रतीक पावन पर्व मकर संक्रांति जिले भर मे पारंपरिक श्रृद्धा और उल्लास के सांथ मनाई गयी। 14 जनवरी को सूर्य के मकर राशि मे प्रवेश करते ही उत्तरायण का संक्रमण शुरू हुआ, जिसे मकर संक्रांति कहते हैं। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक संक्रमण क्षण से 20 घड़ी तक विशेष पुण्य होता है। इस समय भगवान शिव की आराधना अत्यंत लाभदायक मानी जाती है, लिहाजा लोगो ने नदियों मे स्नान कर अपने पूर्वजों को तर्पण किया और भगवान भूतभावन की विधिविधान से पूजा अर्चना कर तिल के लड्डुओं का भोग लगाया। भारत के इस महान वैदिक कालीन पर्व मकर संक्रांति पर लोगों ने पुरातन परंपरा के अनुसार स्नान और पूजा अर्चना के बाद मेले का आनंद लिया और जमकर खरीददारी की। संक्रांति पर सुबह से ही देवालयों तथा नदियों के घाट पर लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली, लोग पट खुलने के पहले ही मंदिरों मे पहुंच चुके थे।

जगह-जगह भरे मेले
मकर संक्रांति के पावन पर्व पर जिला मुख्यालय के प्रसिद्ध सागरेश्वर मंदिर, मढ़ीवाह, नौरोजाबाद मे जोहिला पुल के पास सिद्ध बाबा मंदिर, नागोताल, मनेरी, जरहा, सिंघवार एवं मानपुर के समीप दशरथ घाट मझौली, देवरी, चटकी, डोंगरी, सोन नदी व चरण गंगा नदी तथा इंदवार थाना अंतर्गत मार्कण्डेय, पनपथा, पड़वार, दमोय, चंदिया तहसील के कौडिय़ा आदि गावों मे मंदिरों के समीप मेले भरे जहां लोगों ने पूजा-पाठ उपरांत आवश्यक खरीददारी की।

खरमास खत्म, अब बजेगी शहनाई
उल्लेखनीय है कि सूर्य देव के उत्तरायण होते ही शुभ कार्यो के आयोजन शुरू हो जाते हैं। पूस नक्षत्र खरमास को धनु संक्रांति भी कहा जाता है। खरमास उस अवधि को दर्शाता है जब सूर्य देव बृहस्पति की राशि धनु मे प्रवेश करते हैं। इस दौरान धार्मिक नियमों और परंपराओं का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। खरमास मे सूर्य देव की पूजा करना विशेष रूप से शुभ और फलदायी होता है। इस वर्ष खरमास की शुरुआत रविवार, 15 दिसंबर 2024 को हुई थी और समापन मंगलवार, 14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति के दिन हुआ। इसके सांथ ही सभी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्यों की शुरुआत भी हो जायेगी।

मंगलवार रहा कोल्ड डे
जिले मे कडक़ड़ाती ठंड फिर से लौट आई है। मंगलवार को तापमान 6.4 दर्ज किया गया। पूरा दिन लोग शीतलहर और गलाव वाली सर्दी से बेहाल रहे। शाम होते-होते इसका असर और ज्यादा बढ़ गया। वहीं मध्यप्रदेश मे मंगलवार कोल्ड डे रहा। मौसम विभाग की भाषा मे कोल्ड डे उस स्थिति को कहा जाता है, जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास या उससे कम रहे और दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से 4 से 5 डिग्री सेल्सियस तक कम हो, इससे ज्यादा अंतर होने पर भीषण शीत दिवस घोषित किया जाता है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से प्रदेश के अधिकांश जिलों मे न्यूनतम तापमान स्थिर रहने का अनुमान है।

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