किस बाघ को उठायें, किस को छोड़ें

किस बाघ को उठायें, किस को छोड़ें

बांधवगढ़ मे ग्रामीणों के दबाव से परेशान प्रबंधन, मनमानी से हो रहे हादसे

बांधवभूमि न्यूज, रामाभिलाष त्रिपाठी 

मध्यप्रदेश

उमरिया   
मानपुर। जिले के बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व तथा आसपास के क्षेत्रों मे समझाईश के बावजूद ग्रामीणो द्वारा मनमाने तौर पर अकेले जंगलों मे जाने की वजह से आये दिन हिंसक जानवरों के हमलों की घटनायें सामने आ रही हैं। इससे जहां जान-माल का नुकसान हो रहा है, वन्य जीवन को भी तरह-तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सूत्रों ने बताया है कि विभाग द्वारा इस तरह के हादसे रोकने के मकसद से लगातार ट्रेनिंग कैम्प आयोजित किये जा रहे हैं। जिनमे तेंदूपत्ता, महुआ संग्राहकों के अलावा चरवाहों को बाघ, तेंदुआ, भालू, हांथी इत्यादि जानवरों से बचाव की ट्रेनिंग देने के सांथ उन्हे जंगलों मे नहीं जाने के प्रति जागरूक किया जाता है। इसके बावजूद उनके द्वारा अधिकारियों की सलाह नहीं मानी जा रही है। इतना ही नहीं अंदर घुसने के लिये जगह-जगह से सुरक्षा के लगी बाड़ को तोड़ा जा रहा है। जब कोई अप्रिय घटना होती है, तो प्रबंधन पर बाघ का रेस्क्यू करने का दबाव बनाया जाता है।

अचानक आ गई दूसरी टाईगर
शनिवार को पतौर रेंज मे जब रेस्क्यू टीम महिला पर हमला करने वाली बाघिन को खोजने निकली, तभी वहां एक और बाघिन आ धमकी। इस बाघिन के सांथ बच्चे नहीं थे। जबकि कोठिया हादसे को अंजाम देने वाली बाघिन के 2 बच्चे होने की बात कही जा रही थी। ऐसे मे प्रबंधन भी कन्फ्यूज हो गया कि आखिर इन दोनो मे से महिला को मारने वाली बाघिन कौन सी है। वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि पनपथा और पतौर मे इससे पहले कई बार एक के बजाय दूसरे बाघों को उठा लिया गया है। बिना किसी सटीक जानकारी मे बाघों का रेस्क्यू वन्यजीवन के लिये अच्छा नहीं है। किसी बेगुनाह जानवर को उठा कर उसे इन्क्लोजर मे कैद करने से उसका जीवन खराब हो जाता है।

ग्रामीणों के सांथ प्रबंधन ने ली राहत की सांस
दरअसल बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के पतौर रेंज मे बीते दिनो महुआ बीनने गई महिला को मौत के घाट उतारने वाली बाघिन के वापस लौटने इलाके मे हडक़ंप मच गया था। हलांकि प्रबंधन की तत्परता से भारी मशक्कत के बाद उसे वापस जंगल मे खदेड़ दिया गया जिससे ग्रामीणों के सांथ प्रबंधन ने भी राहत की सांस ली है। बीटीआर के उप संचालक पीके वर्मा ने बताया कि इस बाघिन के ग्राम कोठिया के पास देखे जाने की सूचना मिलते ही अमले को हांथियों सहित रवाना किया गया। जहां पहुंच कर उसे वापस धकेलने की कार्यवाही सफलता पूर्वक कर ली गई। गौरतलब है कि गत 2 अप्रेल को बाघिन के हमले मे रानी पति ओमप्रकाश 27 निवासी कोठिया की मृत्यु हो गई थी।

बढ़ाई गई गश्त
जानकारी के अनुसार ग्राम कोठिया के समीप पहुंची बाघिन ने एक मवेशी का शिकार किया था। बाघिन को खदेडऩे के बाद उक्त शिकार को भी गांव से दूर जंगल की ओर कर दिया गया है ताकि वह फिर से लौट कर न आ जाय। प्रबंधन ने बताया है कि एहतियात के तौर पर इस इलाके मे गश्त बढ़ा दी गई है। सांथ ही बाघिन पर नजर रखी जा रही है। इसके लिये पतौर से लगे अन्य परिक्षेत्र अधिकारियों को विशेष दिशा-निर्देश दिये गये है।

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