केंद्र की संस्था को सौंपा उपार्जन का काम

केंद्र की संस्था को सौंपा उपार्जन का काम

जिले मे नान नहीं एनसीसीएफ कर रही धान की खरीदी, अचानक हुआ फैंसला

बांधवभूमि न्यूज

मध्यप्रदेश

उमरिया
जिले मे इस बार धान का उपार्जन केंद्र से जुड़ी एक संस्था को सौंपा गया है। जानकारी के मुताबिक भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) को यह जिम्मेदारी मिली है। इससे पहले तक रबी और खरीफ दोनों ही सीजन मे फसल की खरीदी का काम राज्य सरकार की एजेंसी एमपी स्टेट सिविल सप्लाईज कारपोरेशन (नान) के जरिये कराया जा रहा था। यह पहला मौका है जब इसे हटा कर नई संस्था को उपार्जन की जिम्मेदारी मिली है। सूत्रों के मुताबिक बीते कई दिनों से नान खरीफ के उपार्जन और परिवहन की तैयारियों मे जुटा हुआ था। अधिकारी समर्थन मूल्य केंद्रों के लिए बारदाने से लेकर गोदामो मे अनाज के भंडारण की व्यवस्था मे व्यस्त थे। इसी बीच आदेश आया कि फसलों के उपार्जन की कार्यवाही एनसीसीएफ करेगा। अचानक एजेंसी बदले जाने के पीछे क्या कारण है, इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है। ऐन उपार्जन के समय नई नवेली संस्था को ऐसा महत्वपूर्ण काम दिए जाने से अधिकारी भी हैरान है और उन्हें एनसीसीएफ के अमले से समन्वय बैठने मे कुछ अड़चने भी आ रही हैं। सूत्रों का मानना है कि यह निर्णय पहले हो जाता तो इस तरह की दिक्कत नहीं होती।

13 किसानो से 674 क्विंटल खरीदी
इस बीच जिले मे गत 2 दिसंबर से खरीफ का उपार्जन शुरू हो गया है। इसके लिए तीनो जनपदों मे 41 खरीदी केंद्र बनाए गए हैं। जानकारी के मुताबिक अभी तक 6460 किसानों ने अपनी उपज के लिए स्लॉट बुक कराए हैं। जबकि 13 किसानो से 674 क्विंटल धान खरीदी गई है। धान का उपार्जन 20 जनवरी 2025 तक किया जाएगा।

21382 किसानो ने कराया पंजीयन
इस खरीफ सीजन मे किसानो की तादाद भी पिछले साल की अपेक्षा बढ़ी है। खाद्य विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक उपार्जन वर्ष 2024 मे जिले मे 21 हजार 382 किसानो ने अपना पंजीयन कराया था, परंतु इस बार यह संख्या 24 हजार 073 हो गई है। अर्थात इनकी तादाद मे 2691 की वृद्धि दर्ज की गई है। बताया जाता है कि धान खरीफ के सीजन मे बोई जाने वाली इस क्षेत्र की मुख्य फसल है। जिले की अधिकांश तहसीलों मे धान की कटाई के सांथ ही उसकी गहाई भी हो चुकी है। अब किसान जहां रबी की बोनी मे जुट गये हैं, वहीं उन्हे जल्द से जल्द धान के भुगतान की जरूरत है, ताकि नई फसल के लिये खाद, बीज और मजदूरी की व्यवस्था की जा सके।

2300 रुपये है समर्थन मूल्य
सरकार ने धान के समर्थन मूल्य मे भी आंशिक वृद्धि की है। बताया गया है कि जिले मे इस बार धान 2300 रूपये प्रति क्विंटल की दर पर खरीदी जायेगी। जो कि गत उपार्जन वर्ष से 117 रूपये अधिक है। बीते साल किसानो की धान 2183 रूपये प्रति क्विंटल मे क्रय की गई थी।

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