ऑनलाईन कारोबार ने बैठाया बाजार
व्यापार का हुआ कबाड़ा, भविष्य के प्रति सशंकित दुकानदार
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश, उमरिया
देश मे लागू ऑनलाईन व्यापार की नीति का असर अब जिले के रोजगार-धंधों पर भी दिखने लगा है। किराना, दवाई, गारमेंट्स हो या जनरल सामग्री। अब तो नास्ते से लेकर वाशिंग मशीन, फ्रिज, मोबाईल जैसे इलेक्ट्रानिक आयटम भी ऑन लाईन उपलब्ध हैं। समय को देखते हुए ग्रांहकों के सांथ लगभग सभी उत्पादक कम्पनियों ने भी खुद को नई व्यवस्था मे ढाल लिया है। इससे खुदरा कारोबार बुरी तरह पिट रहा है। वहीं व्यापारी नुकासान मे डूबते जा रहे हैं। जिससे उनमे घोर निराशा है। युवा व्यवसाइयों को तो कारोबार मे अपना भविष्य दिखाई ही नहीं दे रहा। बाजार मे बैठ कर व्यापार करने वाले लोगों को जहां दुकान का किराया, बिजली बिल, कर्मचारियों का वेतन सहित कई प्रकार के खर्च वहन करने पड़ते हैं। वहीं ऑनलाईन कम्पनियों का ना तो स्टॉक मे पैसा फंसता है, नां ही उन्हे ब्याज, कर्मचारी और बिजली आदि की जहमत उठानी पड़ती है। शायद इसी वजह से उपभोक्ताओं को ऑनलाइन सामान सस्ता पड़ता है। हलांकि इसमे ठगी और धोखाधड़ी की कई शिकायतें सामने आ रही हैं। इसके बावजूद यह कारोबार दिनो दिन बढ़ता जा रहा है। बांधवभूमि ने जिले के व्यापारियों से इस संबंध मे चर्चा की है।
भारत के लिये कारगर नहीं व्यवस्था
भारत जैसे बड़ी जनसंख्या वाले देश के लिये यह व्यवस्था कारगर नहीं है। यहां की अधिकांश आबादी खुदरा व्यापार पर आश्रित है। ऑनलाईन कम्पनियां छोटे और मंझौले दुकानदारों से उनका रोजगार छीन रही हैं। आने वाले दिनो मे इसे विपरीत परिणाम दिखाई देंगे।
पवन ख्यानी
व्यवसायी
बढ़ेगी बेरोजगारी
दुकानदार नकेवल सरकार को कई तरह का टेक्स देते हैं, बल्कि अपने संस्थानो मे अनेक लोगों को नौकरियां भी मुहैया कराते हैं। ऑनलाईन कारोबार के कारण व्यापार कमजोर हो रहा है। इससे टेक्स मे कमी आयेगी। सांथ ही कर्मचारियों की छटनी से बेरोजगारी बढ़ेगी।
धमेन्द्र नेभानी
व्यवसायी
हर तरह पिस रहा दुकानदार
व्यापारी का हर स्तर पर शोषण हो रहा है। उसे सरकारी इंस्पेक्टरों के नाज-नखरे, जुर्माना, तेजी-मंदी, ट्रांसपोर्टिग व स्टाकिंग के दौरान सामान खराब होने सहित कई तरह के जोखिम सहने पड़ते हैं। वहीं बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को हर तरह की सुविधा और संरक्षण प्राप्त है। ऐसे मे दुकानदारों का टिकना मुश्किल है।
टोनी चौरसिया
व्यवसायी
ऑनलाईन कारोबार पर रोक लगाये सरकार
जिले की कालरियां बंद होने तथा नये उद्योगों की पहल नहीं होने से व्यापार पहले से ही गर्त मे हैं। रही-सही कसर ऑनलाईन कारोबार ने पूरी कर दी है। हमारा संगठन पहले से ही इस घातक बिजनेस पर रोक लगाने की मांग कर रहा है। सरकार को इसे तत्काल बंद कर देना चाहिये।
कीर्ति कुमार सोनी
जिलाध्यक्ष, व्यापारिक संगठन कैट