अब खुलेंगे वेलफेयर फण्ड घोटाले के राज, कलेक्टर की अध्यक्षता वाली कमेटी ने एसईसीएल और संगांतावि केन्द्र से मांगा तीन साल का हिसाब
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश
उमरिया
जिला स्तरीय कमेटी द्वारा एसईसीएल तथा संजय गांधी ताप विद्युत केन्द्र से बीते तीन सालों मे सीएसआर मद से खर्च राशि और इससे कराये गये कार्यो का ब्यौरा मांगा है। जिससे इन कम्पनियों मे लबे समय से जनकल्याण के नाम पर चल रही धांधलियों का राजपाश होने की संभावना है। विगत दिवस कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन की अध्यक्षता वाली कमेटी ने बैठक मे मौजूद एसईसीएल तथा संजय गांधी ताप विद्युत केन्द्र के प्रतिनिधियों से कहा कि वे अगली बैठक मे बीते तीन विगत वर्षो के दौरान सीएसआर मद मे उपलब्ध राशि के उपयोग तथा कराये गये कार्यो की जानकारी प्रस्तुत करें। इतना ही नही समिति ने दोनो कम्पनियों से कहा है कि वे सीएसआर संबंधी सूचनायें ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज करायें। सांथ ही इससे जुडे विभागीय अधिकारियों को ऑनलाइन जानकारी भरने का प्रशिक्षण भी दिलायें। ऐसा लगता है कि अपनी पहली ही बैठक मे समिति ने दोनो कम्पनियों मे वेलफेयर के नाम पर चल रहे घोटाले की नब्ज पकड ली है। उम्मीद है कि सारी जानकारी ऑन लाईन होते ही सरकार और प्रशासन के सांथ जनता भी सीएसआर मद के सच से रूबरू हो सकेगी।
हर महीने होगी बैठक
जानकारी मिली है कि समिति की बैठक प्रत्येक माह मे एक बार आयोजित होगी। दरअसल कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 135 के अनुसार एक वित्तीय वर्ष मे 500 करोड या अधिक के शुद्ध मूल्य वाली, 1000 करोड रूपये या अधिक के आवर्त वाली या पांच करोड रूपये या अधिक का शुद्ध लाभ कमाने वाली हर कंपनी को शुद्ध लाभ का कम से कम 2 प्रतिशत सामाजिक और जनकल्याण के कार्यो मे खर्च करने का प्रावधान है। सूत्रों का मानना है कि एसईसीएल के अधिकारी इस फण्ड का उपयोग वेलफेयर और जरूरत के कार्यो मे न करके पूरा पैसा कमीशनबाजी के चक्कर मे मनमाने तौर पर उडा देते हैं। जिसे देखते हुए शासन ने कलेक्टर की अगुवाई मे एक समिति गठित की है, जिसका नोडल प्रबंध संचालक मप्र इण्डस्ट्रीयल डेव्हलपमेट कार्पोरेशन को बनाया गया है। जबकि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत समिति के सदस्य सचिव होंगे। इसके अलावा प्रस्ताव संबंधी विभाग के जिला प्रमुख, संबंधित नगरीय निकाय के मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं कंपनी का नामांकित प्रतिनिधि सदस्य के रूप मे शामिल किये गये हैं।
कुमार विस्वास के कार्यक्रम पर लगा दिये लाखों रूपये
गौरतलब है कि समूचे एसईसीएल मे सीएसआर मद भ्रष्टाचार का जरिया बना हुआ है। हाल ही मे कम्पनी के सोहागपुर एरिया मैनेजमेंट द्वारा संभाग के बुढार मे संपन्न कवि कुमार विस्वास के कार्यक्रम का आयोजन इसी मद से कराने की चर्चाएं जोरों पर है। कहा जाता है कि एसईसीएल ने इस कार्यक्रम के लिये लाखों रूपये का भुगतान किया है। जिसे लेकर राजनीति इतनी गरमा गई कि अतिथि के रूप मे आये एसईसीएल के सीएमडी को बिना कार्यक्रम मे शामिल हुए वापस लौटना पडा।
बपौती समझते हैं अधिकारी
यही हाल उमरिया जिले मे संचालित एसईसीएल तथा संजय गांधी ताप विद्युत केन्द्र का है। लोगों का कहना है कि दोनो विभागों के अधिकारी सीएसआर मद का उपयोग जनकल्याणकारी कार्यो की बजाय अपनी निजी पसंद और हिस्सेदारी वाले कामो पर कर रहे हैं। हाल यह है कि जिले को खोखला कर करोडों रूपये का लाभ कमाने वाली एसईसीएल का जोहिला एरिया प्रबंधन नागरिकों के लाख कहने पर भी छात्रों के लिये उमरिया से केन्द्रीय विद्यालय नौरोजाबाद तक एक अतिरिक्त बस नहीं चला पाया, परंतु सीएसआर मद को अपनी बपौती समझ कर लाखों रूपये औचित्यहीन काम और खरीदी पर उडेलता रहा।
कलेक्टर की पहल का स्वागत
जानकारों का मानना है कि बीते सालों मे सीएसआर मद का करोडों रूपया या तो केवल कागजों पर अथवा अनावश्यक कामो पर व्यय हुआ है, परंतु अब ऐसा नहीं होगा। कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन की अध्यक्षता मे गठित समिति सीएसआर मद का सदुपयोग सुनिश्चित करेगी। वहीं सारी जानकारी ऑनलाईन पोर्टल पर उपलब्ध होने से भ्रष्ट अधिकारी घोटाला नहीं कर पायेंगे। दूसरी तरफ यह राशि शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, खेल आदि विभिन्न विकास के कार्यो मे खर्च किये जाने से हजारों युवा और जरूरतमंद लाभान्वित होंगे। नागरिकों ने कलेक्टर की इस पहल का स्वागत किया है।