अधिकारियों की भरमार, फिर भी बिजली कर रही बेजार

अधिकारियों की भरमार, फिर भी बिजली कर रही बेजार

पारा चढते ही चौपट हुई जिले की विद्युत व्यवस्था, दिन भर चलती रहती है आंख-मिचौली

बांधवभूमि न्यूज

मध्यप्रदेश

उमरिया
जिले मे गर्मी का पारा चढते ही बिजली की व्यवस्था पटरी से उतर गई है। हालत यह है कि दिन मे दर्जनो बार सप्लाई बाधित हो रही है। पॉवर कट होते ही लोगों की बेचैनी बढ जाती है। इससे छुटकारा पाने के लिये उनके पास कोई उपाय नहीं रहता। यह स्थिति क्यों बन रही है, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। विभाग के जिम्मेदार अधिकारी तो खुद को मुख्यमंत्री से भी बडा समझते हैं। यदि कोई उनसे मोबाईल पर संपर्क कर इस दुर्दशा की जानकारी लेना चाहे तो वे या तो फोन नहीं उठाते या ऐसा जवाब देते हैं, जिसका कोई औचित्य ही नहीं रहता। गौरतलब है कि जिला मुख्यालय मे मण्डल के चार आला अधिकारी पदस्थ हैं, जिनमे सबसे बडे अधीक्षण अभियंता तथा उनसे नीचे कार्यपालन अभियंता हैं। जो एक ही कार्यालय के वातानुकूलित कक्षों मे विराजते हैं। इनके मातहत सहायक यंत्री और कनिष्ठ यंत्री शहर और ग्रामीण भी हैं। सरकार इन चार अधिकारियों के वेतन, गाडी, नौकर-चाकर और बंगलों पर प्रतिमांह लाखों रूपये इसलिये बहा रही है, ताकि जिले और शहर की व्यवस्था बेहतर रहे, परंतु इसका कोई फायदा विभाग और उपभोक्ताओं को होता दिखाई नहीं देता। इसका कारण अफसरों का आरामतलब और गैरजिम्मेदाराना रवैया है। सूत्रों का कहना है कि सभी आला अधिकारी केवल घर से ऑफिस तक ही सीमित हैं। उनका सारा समय ठेकेदारों से गप्प हांकने और उनके सांथ हिसाब-किताब करने मे ही चला जाता है।

बिना सूचना के घंटो कटौती
पिछले कुछ समय से मण्डल ने मेंटीनेंस अथवा अन्य कार्यो के नाम पर बिना सूचना के घंटों सप्लाई बंद करना शुरू कर दिया है, जिसके चलते नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड रहा है। जबकि विद्युत नियामक बोर्ड के स्पष्ट निर्देश हैं कि एक निश्चित समय से अधिक समय के लिये पॉवर कट की आवश्यकता होने पर इसकी सूचना, जानकारी, कारण और अवधि सहित समाचार पत्रों या अन्य माध्यमो के द्वारा प्रसारित की जानी चाहिये, लेकिन जिले के अधिकारी मनमाने तौर पर महज वाट्सएप मे कटौती की खबर डलवा कर अपना कर्तव्य पूरा कर लेते हैं, जिसका खामियाजा लोगों को आये दिन भुगतना पडता है।

साल भर मेंटीनेन्स के बाद भी दुर्दशा
उल्लेखनीय है कि मण्डल द्वारा लगभग साल भर मेंटीनेंस किया जाता है। इसके लिये बाकायदा आपूर्ति बंद की जाती है। इसके बाद भी मौका पडते ही व्यवस्था की पोल खुल जाती है। सवाल उठता है कि बार-बार मेंटीनेंस तथा इसमे होने वाले व्यय के बावजूद स्थिति मे सुधार क्यों नहीं हो रहा है। जानकारों का मानना है कि लाईनो व उपकरणो का रखरखाव दरअसल अपने आप मे बडा फर्जीवाडा है। इसकी आड मे जहां एक ओर अघोषित कटौती की जाती है, वहीं कागजों पर मेंटीनेंस दिखा कर अपना उल्लू सीधा कर लिया जाता है।

ट्रांसफार्मर की मरम्मत मे धांधली
जिले मे ट्रांसफार्मर की मरम्मत मे चल रही धांधली भी लंबे समय से चर्चाओं में रही है। बताया जाता है कम्पनी के अधिकारियों, ठेकेदार और बिचौलियों की सांठगांठ से रिपेयरिंग घोटाले मे पिछले कुछ सालों के दौरान करोडों रूपये का भ्रष्टाचार हुआ है। गुणवत्ताहीन मरम्मत के कारण ट्रांसफार्मर 15 दिन मे ही जल कर वापस पहुंच गये। इसी की वजह से जिले मे लगातार ट्रांसफार्मरों की कमी बनी रही और किसानो की फसलें सूख गई। यदि इस मामले की सूक्ष्मता से जांच की जाय तो बडा फर्जीवाडा सामने आ सकता है।

43 पर पहुंचा जिले का तापमान
जिले मे बीता रविवार इस सीजन का सबसे गर्म दिन रहा। इससे पहले तापमान 42 डिग्री तक पहुंचा था। नौतपा के दूसरे दिन सुबह से ही लोगों को गर्मी का एहसास होने लगा था, 11 बजते-बजते तापमान तेजी से बढने लगा। रात 9 बजे भी गर्मी से राहत नहीं मिल सकी, इस समय तापमान 43 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने आने वाले दो दिन पारा 44 पर रहने का अनुमान जताया है, हलांकि इस दौरान बारिश की संभावना भी व्यक्त की जा रही है। गौरतलब है कि विगत 25 तारीख से नौतपा शुरू हो चुके हैं। ये नौ दिन भीषण गर्मी के लिये जाने जाते हैं।

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