होलिका जली, प्रहलाद सुरक्षित

जिला प्रशासन ने कहा-कोरोना महामारी से बचने घर पर परिवार के सांथ मनायें त्यौहार
होलिका जली, प्रहलाद सुरक्षित
होली पर आज उड़ेगा रंग-गुलाल, उल्लास मे गुम होंगे गिले-शिकवे
उमरिया। अपने भाई हिरणाकश्यप के कहने पर षडय़ंत्र रचने वाली होलिका तो जल कर राख हो गई, पर भक्त प्रहलाद का बाल भी बांका न हो सका। इस घटना की याद मे बीती रात जगह-जगह होलिका दहन हुआ। आबादी से हटकर स्थान विशेष पर होलिका तैयार की गई थी। जिसे शुभ मुहूर्त मे आग के सुपुर्द किया गया। दहन के समय युवकों का उत्साह देखते ही बनता था। बुराई की प्रतीक होलिका के दहन के बाद आपसी मेल मिलाप, सौहार्द और भाई चारे का महापर्व होली आज जिले भर में पारंपरिक उल्लास के साथ मनाई जायेगी। कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा दिये गये निर्देश के कारण इस बार जुलूस आदि नहीं निकाले जायेंगे। होली पर शांति व्यवस्था कायम रखने हेतु जिले भर मे तगड़े इंतजाम किए गए है।
रहेंगी पुलिस की नजर
पुलिस अधीक्षक उमरिया विकास कुमार शाहवाल ने जिलेवासियों से होली पर्व पर शांति और सौहार्द कायम रखने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि धुरेड़ी के दिन विभिन्न थाना क्षेत्रो में पुलिस पार्टिया सघन गस्त करेगी। ऐसे मौके पर होली की हुडदंग तथा लोगों को परेशान करने वाले तत्वों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। और उनके विरूद्घ सख्त कार्यवाही की जावेगी। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर तत्काल संबंधित थाने को जानकारी दें।
खेलें तिलक होली, बचाएं पानी
रंगों के त्यौहार होली पर यदि हम सूखे रंग यानि अबीर और गुलाल से तिलक लगाएं तो पूरे जिले मे लाखों लीटर पानी की बचत की जा सकती है। गाढ़े रंगों को साफ करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को लगभग 60-70 लीटर पानी की जरूरत पड़ेगी। ऐसे मे हम सूखे रंगों से होली खेलकर प्रति व्यक्ति कम से 50 लीटर पानी अवश्य बचा सकते हैं। बढ़ती गर्मी के साथ भूजल स्तर का सरकना शुरू हो गया है। होली के दो दिनों मे जमीन के भीतर से हप्ते भर का पानी खींच लिया जाता है। होली मनाने के साथ हमेे पानी की अहमियत समझनी होगी और उसकी एक-एक बूंद को सहेजना होगा।
कलेक्टर, एसपी ने दी होली की बधाई
कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने जिलेवासियों को होली पर्व की बधाई दी है। कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव एवं एसपी वीके शाहवाल ने कहा कि होली का त्यौहार नये धान्य के स्वागत, प्रेम, मैत्री के विकास और असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। इसे शांति के सांथ मनायें, सांथ ही कोरोना का विशेष ध्यान रखें। इससे बचाव के लिये मास्क और सोशल डिस्टेन्सिंग बेहद जरूरी है। सुरक्षित रहने के लिये जरूरी है कि कि त्यौहार घर पर ही अपने परिवार के सांथ मनायें।

 

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