हींग न फिटकरी, रंग चोखा
धमोखर टोल प्लाजा पर उठ रहे सवाल, बिना सड़क मेंटीनेंस के लाखों की वसूली
उमरिया। जिला मुख्यालय से राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ और सतना मार्ग पर स्थित धमोखर टोल प्लाजा तथा यहां से गुजरने वाले वाहनो से की जा रही वसूली एक बार फिर चर्चाओं मे है। इसका मुख्य कारण संबंधित एजेन्सी द्वारा की जा रही धोखाधड़ी है। बताया जाता है कि एमपीआरडीसी द्वारा करीब 5 वर्ष से भी पहले सतना-उमरिया रोड का निर्माण कराया गया था। जो सतना, मैहर, सरलानगर, बरही, खितौली से परासी मोड़ होकर उमरिया पहुंचता है। लगभग तभी से टीबीसीएल नामक कम्पनी ने धमोखर के समीप अपना नाका स्थापित कर लिया है। कम्पनी ने सड़क तो उमरिया-सतना के बीच बनवाई है, पर पैसा बांधवगढ़, मानपुर, पनपथा की ओर जाने वाले वाहनों से भी वसूला जा रहा है। जबकि इस रोड का निर्माण उसके द्वारा कराया ही नहीं गया है।
अफसरों ने साधा मौन
नियमानुसार सड़क का निर्माण कराने वाली कम्पनी को ही इसका मेंटीनेन्स भी कराना होता है, पर यहां कहानी कुछ अलग ही है। टीबीसीएल द्वारा वर्षो से हर महीने लाखों रूपये कमाने के बावजूद मरम्मत पर एक रूपया भी खर्च नहीं किया गया है। जिसकी वजह से सड़क जर्जर हो गई है। विशेष कर बरही और मैहर के बीच हालत बेहद खराब है। ताज्जुब की बात तो यह है कि पूरे मामले और धांधली की जानकारी होते हुए भी अधिकारियों के मुंह से इस लूट के खिलाफ एक शब्द भी नहीं निकल रहा है।
लगाई गई थी रोक
बताया जाता है कि कुछ साल पहले अवैध रूप से स्थापित धमोखर टोल प्लाजा की शिकायत होने के बाद शासन द्वारा इस पर रोक लगाने का आदेश जारी किया गया था। जिसके बाद ठेकेदार द्वारा थैलियों का इस्तेमाल कर वह आदेश रद्द करवा दिया गया। हलांकि इसके बाद कार आदि छोटे व्हीकल्स से वसूली बंद कर दी गई लेकिन अन्य वाहनो पर टोल टेक्स आज भी जारी है।
मिलीभगत से हो रहा खेल
सूत्रों का दावा है कि यह लूट का खेल विभाग और ठेकेदार की मिलीभगत से चल रहा है। इसका सबूत समय-समय पर अधिकारियों का टीबीसीएल के बचाव मे उतरना है। इतना ही नहीं महकमे के अफसर प्रशासन को नियमो की गलत जानकारी देकर गुमराह कर रहे हैं। जानकारों का मानना है कि ठेकेदार टोल नाके के जरिये बगैर किसी लागत के हर महीने लाखों रूपये पीट रहा है और हिस्सेदार हाकिम उसी का जयकारा लगा रहे हैं।
हींग न फिटकरी, रंग चोखा
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