हाथियों से सुरक्षा के लिए बनेगा एलीफेंट कॉरीडॉर नेटवर्क

बजट न मिलने के कारण बदली प्लानिंग, मुहिम मे शामिल होंगे गांव के पांच-पांच युवा
उमरिया। मध्यप्रदेश के जंगल मे बसे झारखंड और छत्तीसगढ़ के जंगली हाथियों से सुरक्षा के लिए कोई अतिरिक्त बजट नहीं मिलने के कारण अब स्थानीय स्तर पर सुरक्षा के इंतजाम शुरू किए जा रहे हैं। पहले बांधवगढ़ और फिर सीधी जिले के जंगल से लगे गांव मे हाथियों के कहर के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान के दिशानिर्देश पर सुरक्षा की यह मुहिम शुरू की गई है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मे काम करने वाले छोटे कर्मचारियों की मदद से हाथियों के विचरण मार्ग में पडऩे वाले गांवों के लोगों का एक नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। एलीफेंट कॉरीडॉर नेटकवर्क के नाम से शुरू किए गए इस अभियान मे हाथियों के विचरण मार्ग और आसपास के गांवों के पांच-पांच युवाओं को जोड़ा जा रहा है। इन युवाओं को एक व्हाटसएप ग्रुप से भी जोड़ा जाएगा जिसमें हाथियों के झुंड की हर घंटे की जानकारी अपडेट की जाएगी।
सीएम ने दिया था सुझाव
सीधी की घटना के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल मे बैठक करके वन विभाग के अधिकारियों को सुझाव दिया था कि जंगली हाथियों और अन्य जंगली जानवरों से सुरक्षा के लिए ग्रामों में ईको विकास समितियों को सक्रिय करें तथा प्रत्येक ग्राम स्तर की एक रिस्पांस टीम बनाई जाए। यह टीम टाईगर रिजर्व के प्रबंधन से लगातार सम्पर्क में रहे। जंगली जानवरों के विचरण के संबंध में ग्रामवासियों को लगातार सूचनाएं दी जाएं। सीएम के इसी सुझाव को एलीफेंट कॉरीडॉर नेटवर्क के रूप मे अपनाया जा रहा है।
खतरे से पहले मिलेगी जानकारी
नोटिफिकेशन अलर्ट के साथ ग्रुप मे हाथियों के झुंड की हर घंटे की जानकारी अपडेट होने से गांव के करीब पहुंचने से पहले ही उस गांव के लोगों को खतरे की जानकारी मिल जाएगी। इससे वे खतरे से सावधान रहेंगे और उसे दूर करने के लिए पहले से तय उपायों का उपयोग कर सकेंगे। इसमें न सिर्फ गांव के वे पांच युवा अगुवाई करेंगे बल्कि आवश्यक मदद भी समय पर बुला सकेंगे।
इस उपाय से होगा बचाव
ग्रामीणों को बताया गया है कि उन्हें हाथियों से कैसे बचाव करना है। हाथियों के गांव की तरफ आने की सूचना मिलने के बाद उन्हें खदेडऩे के लिए मिर्ची पाउडर का उपयोग, पटाखे फोडऩा तथा आग लगाना जैसे उपाय ग्रामीण कर सकते हैं। इस उपाय के दौरान वन विभाग के लोग भी मौजूद रहेंगे।
इन घटनाओं ने किया सक्रिय
पिछले महीने कुछ दिनों के अंतराल मे ही बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा रेंज मे हाथी द्वारा कुचलने से हुई एक महिला की मौत और सीधी जिले के ग्राम खैरी मे जंगली हाथियों के हमले से हुई जन-धन हानि को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने गंभीरता से लिया था। इसी के बाद उन्होंने वन विभाग को जंगली हाथियों पर नजर रखने और इस तरह की कोई अन्य घटना घटित नहीं होने देने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद प्रमुख सचिव वन अशोक वर्णवाल ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक राजेश श्रीवास्तव, मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक आलोक कुमार आदि से भी इस संबंध में चर्चा की थी जिसके
बाद वन अमला सक्रिय हो गया।
2018 से सक्रिय हाथी
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मे 2018 अक्टूबर से जंगली हाथी सक्रिय हो गए हैं। यह हाथी छत्तीसगढ़ और झारखंड से यहां पहुंचे हैं। इन हाथियों ने बांधवगढ़ के अलावा शहडोल जिले के सामान्य वन मंडल और सीधी जिले के जंगल को अपना रहवास बना लिया है। उमरिया जिले के बांधवगढ़ मे 40 से ज्यादा हाथी अलग-अलग झुंड मे दिखाई पड़ते हैं। यह हाथी जंगल मे बसे गांव में घुस जाते हैं और लोगों को नुकसान पहुंचा देते हैं।
सुरक्षा के उपाय निरंतर
जंगली हाथियों से सुरक्षा के उपाय निरंतर किए जा रहे हैं। ग्रामीणों को समझाया भी जाता है और उन्हें सुरक्षा के उपाय भी बताए जाते हैं। अब उन्हें अपने साथ जोड़कर सुरक्षा के उपाय किए जा रहे हैं ताकि हाथी नुकसान न पहुंचा सकें।
विंसेंट रहीम
फील्ड डायरेक्टर, बांधवगढ़ नेशनलन पार्क

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