चुनाव प्रचार के लिए आयोग ने जारी की नई गाइडलाइन
नई दिल्ली। देश में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारत के निर्वाचन आयोग कोरोना नियमों की पाबंदियों को शिथिल करते हुए नई गाइडलाइन जारी कर दी है। इसके मुताबिक अब डोर टू डोर कैंपेन के लिए 10 की जगह 20 लोगों की इजाजत होगी। वहीं इनडोर बैठक में अब 300 की जगह 500 लोग शामिल हो सकते हैं। बता दें कि कोविड-19 मामलों में वृद्धि के बीच, चुनाव आयोग ने 22 जनवरी को फिजिकल रैलियों और रोड शो पर प्रतिबंध को 31 जनवरी तक बढ़ा दिया था। पिछली बैठक में पहले-दूसरे चरण के लिए रैली की इजाजत मिली थी। आयोग ने 22 जनवरी को राजनीतिक दलों या चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की फिजिकल जनसभाओं के लिए 28 जनवरी से अनुमति दी थी और चरण 2 के लिए 1 फरवरी से छूट दी थी। इसके मुताबिक अब 500 की जगह 1000 लोगों की सभा की इजाजत होगी।
आयोग के नए दिशानिर्देश
11 फरवरी, 2022 तक किसी भी रोड शो, पद-यात्रा, साइकिल/बाइक/वाहन रैलियों और जुलूसों की अनुमति नहीं दी जाएगी। आयोग ने अब राजनीतिक दलों या चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की अधिकतम 1000 व्यक्तियों (मौजूदा 500 व्यक्तियों के बजाय) या एसडीएमए द्वारा निर्धारित सीमा या जमीन की क्षमता के 50 फीसदी के साथ (जो भी कम हो) निर्दिष्ट खुले स्थानों में फिजिकिल सार्वजनिक बैठकों की अनुमति देने का निर्णय लिया है। आयोग ने घर-घर जाकर प्रचार करने की सीमा भी बढ़ा दी है। घर-घर जाकर प्रचार करने के लिए अब 10 लोगों की जगह सुरक्षाकर्मियों को छोड़कर 20 लोगों को अनुमति दी जाएगी। घर-घर जाकर अभियान चलाने के अन्य निर्देश जारी रहेंगे।आयोग ने अब राजनीतिक दलों के लिए अधिकतम 500 व्यक्तियों (मौजूदा 300 व्यक्तियों के बजाय) या हॉल की क्षमता का 50 फीसदी या एसडीएमए द्वारा निर्धारित निर्धारित सीमा की इनडोर बैठकों की अनुमति है।
राजनीतिक दल और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार चुनाव से जुड़ी गतिविधियों के दौरान सभी अवसरों पर कोविड उचित व्यवहार और दिशा-निर्देशों और आदर्श आचार संहिता का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे। 8 जनवरी 2022 को जारी चुनावों के संचालन के लिए संशोधित व्यापक दिशा-निर्देश, सभी शेष प्रतिबंध लागू रहेंगे। इससे पहले कोविड प्रतिबंधों के साथ निर्दिष्ट खुले स्थानों पर प्रचार के लिए सुरक्षा कर्मियों और वीडियो वैन को छोड़कर, डोर टू डोर अभियान के लिए पांच व्यक्तियों की सीमा को 10 व्यक्तियों तक किया गया था जिसे अब बढ़ाकर 20 कर दिया है। बता दें कि यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव 10 फरवरी से 7 मार्च के बीच होंगे। मतों की गिनती 10 मार्च को की जाएगी। चुनाव आयोग ने कहा कि सभी राज्य मुख्य सचिवों ने आयोग को बताया कि संक्रमण दर में गिरावट दिख रही है और अस्पताल में भर्ती होने के मामलों की संख्या में भी गिरावट दर्ज की जा रही है। राज्य के अधिकारियों ने हालांकि कहा कि कोविड प्रोटोकॉल सावधानियों को जारी रखने की आवश्यकता है ताकि अत्यधिक राजनीतिक गतिविधि के कारण तीव्र सार्वजनिक संपर्क के कारण कोरोना मामलों में उछाल न हो।
कोरोना के संकट के बीच फिर हुआ प्रतिबंध बढ़ाने का फैसला
कोरोनावायरस महामारी के संकट की वजह से चुनाव आयोग ने 31 जनवरी तक जनसभाओं और रैलियों पर रोक लगाई थी। पहले यह रोक 15 जनवरी तक थी, फिर इसे 22 जनवरी तक बढ़ाया गया और फिर इसे आगे 31 जनवरी तक खींचा गया। हालांकि, भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,09,918 नए मामले आए हैं। यानी संक्रमितों की संख्या लगातार कम हो रही है। ऐसे में आयोग ने कुछ छूट के साथ चुनाव अभियान जारी रखने का फैसला किया है।
पांच राज्यों में 10 फरवरी से शुरू होने हैं मतदान
गौरतलब है कि 10 फरवरी से मतदान शुरू होने हैं। जिन पांच राज्यों में चुनाव होने हैं उनमें उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर शामिल है। यूपी में कुल सात चरणों में मतदान होगा, जबकि मणिपुर में दो चरण में वोटिंग होगी। इसके अलावा पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में एक फेज में वोट पड़ेंगे। पांचों राज्यों के चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आएंगे।