हंगामे के बीच राज्यसभा और लोकसभा की कार्रवाई स्थगित

राज्यसभा में प्रतिस्पर्धा संशोधन विधेयक, 2022’ पेश
नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण चल रहा है। लेकिन दोनों सदनों में हंगामे के कारण अब तक कामकाज नहीं हो सके हैं। संसद के दोनों सदनों में हंगामा सोमवार को भी देखने में मिला। हंगामें की वजह से संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही पांच अप्रैल तक स्थगित की गई है। हंगामे के बीच ही राज्यसभा ने प्रतिस्पर्धा संशोधन विधेयक को बिना चर्चा के ही मंजूरी दे दी। भाजपा सांसद जहां राहुल गांधी को लेकर विपक्ष पर जबरदस्त तरीके से निशाना साथ रहे हैं। वहीं विपक्षी दल अडानी मुद्दे पर सरकार पर जबरदस्त तरीके से हमलावर है। कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने सोमवार को भी अडानी मामले में जेपीसी की मांग की और नारे लगाए। दोनों ही सदनों में सभापति की ओर से सदन को चलाने की कोशिश की गई। हालांकि, हंगामा कम नहीं हुआ जिसके बाद सदन की बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित करना पड़ा। हंगामे की वजह से सोमवार को भी उच्च सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया। अपराह्न दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही दुबारा आरंभ हुई, सभापति जगदीप धनखड़ ने सदस्यों को राज्यसभा दिवस की शुभकामनाएं देकर कहा कि सदन चर्चा, बहस और विचार विमर्श के लिए है ना कि व्यवधान और हंगामे के लिए। राज्यसभा में हंगामे के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘प्रतिस्पर्धा संशोधन विधेयक, 2022’ पेश किया। इसी दौरान विपक्षी सदस्यों ने अडाणी मुद्दे की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामे के बीच हीइस विधेयक को बिना चर्चा के ध्वनिमत से मंजूरी दे गई। ‘प्रतिस्पर्धा संशोधन विधेयक, 2022’ गत सप्ताह लोकसभा से पारित हुआ था। पिछले वर्ष अगस्त में निचले सदन में इसे पेश किया गया था। सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे सहित कांग्रेस के कई सदस्य काले कपड़े पहन कर सदन में आए थे। कुछ सदस्यों ने केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी से, कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर की गई उनकी टिप्पणी के लिए माफी की मांग को लेकर नारे लगाए।
लोकसभा की कार्यवाही
अडाणी मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सोमवार को लोकसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजकर पांच मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी। एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे बैठक शुरू हुई तो पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने आवश्यक दस्तावेज सभापटल पर प्रस्तुत कराए। इस दौरान कांग्रेस समेत विपक्ष के सदस्य आसन के पास आकर ‘हमें चाहिए जेपीसी’ के नारे लगाने लगे। हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने बैठक करीब पांच मिनट बाद ही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।

 

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