मौसम की बेरूखी और तापमान से अस्त-व्यस्त जनजीवन, पिछड़ रही खेती
बांधवभूमि, उमरिया
जिले मे मौसम की बेरूखी के कारण पड़ रही उमस भरी गर्मी के सांथ बिजली की बदहाली ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। जरा सी बूंदाबांदी और हवा से आपूर्ति ठप्प हो जाती है। फिर घंटों तमाशा चलता रहता है। पूछने पर मण्डल के अधिकारी फाल्ट बता कर अपना मोबाईल काट देते हैं। यही हाल गुरूवार को शहर मे देखने को मिला। दोपहर करीब 2 बजे अचानक आसमान पर काले घने बादल छा गये। थोड़ी ही देर मे बारिश होने लगी, जो कुछ मिनट बाद बंद भी हो गई, तभी बत्ती गुल हो गई। करीब 6 घंटों से ज्यादा देर तक सप्लाई बंद रही। इसी दौरान लोग गर्मी से खासे बेचैन रहे। हालत यह हुई कि एक-एक मिनट काटना मुश्किल होने लगा। सबसे ज्यादा दिक्कत महिलाओं, बुजुर्गो और बच्चों को हुई। रात करीब 9 बजे के बाद बड़ी मुश्किल से विद्युत आपूर्ति सुचारू हो सकी।
अभी भी खाली हैं जलाशय
पर्याप्त बारिश न होने से जिले के अधिकांश जलाशय खाली पड़े हैं। जबकि नदी-नालों मे बहाव थमा हुआ है। मौसम विभाग ने इस बार बेहतर मानसून की भविष्यवाणी की थी, पर हालात पिछले वर्ष की तरह ही हैं। बीते साल अब तक मात्र 260.6 एमएम पानी ही गिरा था। वहीं 2020 मे 20 जुलाई तक बारिश का आंकड़ा 800 एमएम के पार चला गया था। उल्लेखनीय है कि जिले मे औसत बारिश की मात्रा 1215.7 एमएम है। यदि स्थिति ऐसी ही रही तो नकेवल खेती-किसानी प्रभावित होगी बल्कि कई क्षेत्रों मे अभी से पेयजल संकट भी पैदा हो सकता है।
तापमान मे गिरावट नहीं
जिले मे अधिकतम तापमान 32 तथा न्यूनतम 25 डिग्री के आसपास बना हुआ है। हवायें एकदम थमी हुई हैं। लिहाजा लोगों के लिये गर्मी कुछ ज्यादा ही तकलीफ देह साबित हो रही है। पंखे-कूलर के बावजूद दिन भर शरीर चिपचिपे पसीने से तरबतर रहता है। उमस भरी गर्मी के कारण जहरीले जीव-जंतुओं का खतरा बढ़ गया है। जानकारों का मानना है कि बिलों मे पानी भरने के कारण भी सांप आदि खतरनाक जीव सड़कों, खुले स्थानो, घरों आदि मे चले आते हैं।
खण्ड वर्षा से बिगड़े हालात
एक दौर था जब बरसात के सीजन मे कई-कई दिन तक सूर्य देव के दर्शन दुर्लभ हो जाते थे, परंतु अब ऐसा नजारा कम ही देखने को मिलता है। इस बार भरे मानसून मे भी अब तक ना तो लगातार और नां ही जिले मे एक सांथ बारिश ही हुई है। जानकारों का मानना है कि खण्ड वर्षा के कारण ऐसे हालात निर्मित हो रहे हैं।
सूखा, गर्मी, बिजली का तमाशा
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