मुंबई। सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिवसेना के 16 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने वाली याचिका और ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट द्वारा नए पार्टी सचेतक को मान्यता देने के अध्यक्ष के फैसले को चुनौती पर सुनवाई के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के राज्य मंत्रिमंडल में विस्तार की संभावना है। सुप्रीम कोर्ट 11 जुलाई 2022 को सभी याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। सूत्र ने बुधवार को बताया, सुप्रीम कोर्ट द्वारा सभी याचिकाओं पर सुनवाई के बाद मंत्रिमंडल के विस्तार की संभावना है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने 30 जून को मुख्यमंत्री शिंदे और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पद की शपथ दिलाई थी। फडणवीस ने कहा था कि मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द होगा और वह विभागों के बंटवारे पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री से बात करने वाले हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले महीने शिवसेना नेता शिंदे ने सीएम उद्धव के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के खिलाफ बगावती तेवर अपनाया था। पार्टी के अधिकांश विधायकों ने उनका साथ दिया, इसकारण एमवीए सरकार गिर गई थी। सोमवार को विश्वास मत जीतने के बाद, मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा था कि उन्हें और फडणवीस को कैबिनेट विभागों के आवंटन पर चर्चा करने से पहले उन्हें कुछ समय की आवश्यकता है। शिंदे ने कहा ठीक से सांस लेने दीजिए, यह हमारे लिए काफी व्यस्त समय रहा था (राज्य में हाल की राजनीतिक गतिविधियों के संदर्भ में)। मैं और फडणवीस बैठेकर कैबिनेट विभागों और उनके आवंटन पर चर्चा करने वाले हैं, हम भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय नेताओं से भी (विभागों के) आवंटन की पुष्टि कराएंगे।
पिछले सप्ताह उच्चतम न्यायालय ने शिवसेना के सुनील प्रभु की याचिका पर सुनवाई को 11 जुलाई के लिए सूचीबद्ध किया था। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की अवकाश पीठ से आग्रह किया था कि मुख्यमंत्री सहित 16 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्रवाई लंबित होने के कारण याचिका पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के बागियों के नए पार्टी सचेतक को मान्यता देने के महाराष्ट्र विधानसभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष के फैसले को चुनौती देने वाली उद्धव ठाकरे गुट की एक नई याचिका पर सोमवार को न्यायालय ने 11 जुलाई को सुनवाई के लिए सहमति जताई थी! न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी की अध्यक्षता वाली अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि नई याचिका पर 11 जुलाई को ग्रीष्म अवकाश के बाद अन्य लंबित याचिकाओं के साथ उसी पीठ द्वारा सुनवाई होगी।
सरपंच चुनाव की पुनर्मतगणना के आदेश
जबलपुर।मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने जिला निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि वह ग्राम पंचायत मझगवां के सरपंच चुनाव की पुनःमतगणना 4 दिन के अंदर कराएं। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में शशि यादव ने याचिका दायर कर बताया कि पीठासीन अधिकारी ने रात 10 बजे मौखिक रूप से उसे बताया की शशि को 327 वोट मिले हैं जबकि रंगोली रजक को 328 वोट मिले हैं। याचिकाकर्ता ने रात में ही पीठासीन अधिकारी तथा अगले दिन चुनाव आयोग को पुनःमतगणना के लिए आवेदन किया था। जिसे स्वीकार नहीं किए जाने से उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर की हैं। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पुनः मतगणना करने के आदेश जारी किए।