सीजेआई ने 5 नए जजों को दिलाई शपथ

 32 हुई सुप्रीम कोर्ट में कुल न्यायाधीशों की संख्या
नई दिल्ली। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सोमवार को 5 न्यायाधीशों को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश पद की शपथ दिलाई। जस्टिस चंद्रचूड़ ने शीर्ष अदालत सभागार में आयोजित एक समारोह में हाईकोर्टों के तीन मुख्य न्यायाधीशों और दो न्यायाधीशों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति पंकज मिथल, पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति संजय करोल, मणिपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति पी वी संजय कुमार, पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा को शपथ दिलाई गई। इन पांचों न्यायाधीशों के पदभार ग्रहण करने के साथ ही शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है। इस अदालत के लिए स्वीकृत न्यायाधीशों की संख्या 34 है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 13 दिसंबर 2022 को न्यायमूर्ति मिथल, न्यायमूर्ति करोल, न्यायमूर्ति कुमार, न्यायमूर्ति अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति मिश्रा को पदोन्नत कर शीर्ष अदालत में न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की थी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की स्वीकृति के बाद केंद्र सरकार के विधि एवं न्याय मंत्रालय ने शनिवार को पांचों न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित अधिसूचनाएं जारी की थीं। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की ओर से दो अन्य उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों को शीर्ष अदालत का न्यायाधीश बनाने की सिफारिशें केंद्र सरकार के समक्ष लंबित हैं। कॉलेजियम ने 31 जनवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और गुजरात हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरविंद कुमार को शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने की भी सिफारिश की थी।
सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में शपथ लेने वाले जस्टिस पंकज मिथल राजस्थान हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश थे। वैसे उनका मूल कैडर इलाहाबाद हाई कोर्ट का है। उनका ज्म 17 जून 1961 को हुआ था। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया था। इसके बाद उन्होंने मेरठ कॉलेज से एलएलबी पूरी की। इसके बाद वह उत्तर प्रदेश बार काउंसिल में रजिस्टर होकर वकील के रूप में प्रैक्टिस करने लगे। वह जम्मू-कश्मीर के चीफ जस्टिस के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। 7 जुलाई 2006 में उन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट का जज बनाया गया था। 2008 में वह स्थायी जज बने।
सोमवार को शपथ लेने वाले जस्टिस संजय करोल मूलतः हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट कैडर से हैं। वह पटना हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश के तौर पर कार्यरत थे। उनका जन्म 23 अगस्त 1961 को हुआ था। उन्होंने शुरुआती पढ़ाई शिमला में की और इसके बाद शिमला के ही गवर्नमेंट डिग्री कॉलेजे स्नातक पूरा किया। वह कांगड़ा जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने हिमाचल विश्वविद्यालय से लॉ की डिग्री ली। इसके बाद वकील के रूप में प्रैक्टिस करने लगे। 2007 में उन्हें हिमाचल हाई कोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत किया गया था। वह त्रुपुरा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर भी काम कर चुके हैं।
जस्टिस पीवी संजय कुमार मणिपुर हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश के तौर पर कार्यरत थे। वह मूलतः तेलंगाना हाई कोर्ट कैडर के हैं। उन्होंने निजाम कॉलेज हैदराबाद से स्नातक पूरा किया था। इसके बाद 1988 में दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की। इसी साल उन्होंने बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन करवाया। वह तेलंगाना के अडीशनल जज के तौर पर 2008 में पदोन्नत किए गए थे। वह पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में भी सेवा दे चुके हैं।
जस्टिस अमानतुल्लाह पटना हाई कोर्ट में सेवा दे रहे थे। वह बिहार के ही रहने वाले हैं औऱ उन्होंने पटना लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई की थी। इसके बाद वह पटना हाई कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे थे। अक्टूबर 2021 में उन्हें कुछ समय के लिए तेलंगाना हाई कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गाय था। इसके बाद पिछले साल वह फिर से पटना हाई कोर्ट पहुंचे।
जस्टिस मनोज मिश्रा इलाहाबाद हाई कोर्ट में जज के तौर पर कार्यरत थे। उन्होंने 1988 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री ली थी। इसके बाद हाई कोर्ट में वह प्रैक्टिस कर रहे थे। साल 2011 में उन्हें हाई कोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत किया गया था।

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