सीएमएचओ के खिलाफ अधिकारी-कर्मचारी हुए लामबंद

कमिश्नर-कलेक्टर को शिकायती पत्र देकर लगाई गुहार
शहडोल/सोनू खान। अपने बड़बोलेपन और कार्यशैली के कारण विवादों में घिरे रहने वाले स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ डॉक्टर मेघ सिंह सागर के खिलाफ अब उनके ही विभाग के संविदा अधिकारी और कर्मचारी लामबंद हो गए हैं। संविदा अधिकारियों और कर्मचारियों ने कमिश्नर और कलेक्टर को शिकायत पत्र सौंपकर कार्रवाई की मांग की है। शिकायती पत्र में यह भी कहा गया है कि सी एम एच ओ डॉक्टर सागर की कार्यप्रणाली एवं धमकियों के कारण किसी भी अधिकारी, कर्मचारी के साथ कभी भी कोई अप्रिय घटना हो सकती है जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं जिला प्रशासन की होगी।
मानसिक रूप से कर रहे प्रताड़ित
अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा सौंपे गए शिकायती पत्र में उल्लेख किया गया है कि कोरोना वैश्विक महामारी में जिले के समस्त संविदा अधिकारियो एवं कर्मचारियों द्वारा स्वयं की परवाह नहीं करते हुये अपनी जान जोखिम में डाल कर निरंतर अपनी सेवायें प्रदान कर हैं। किन्तु जिले के स्वास्थ्य विभाग के मुखिया डॉ0 एम.एस. सागर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा मनमाने ढंग से
अनावश्यक मानसिक रूप से प्रताडित किया जाता है।
पांच मंत्री वाले जिले से हूं
यह भी उल्लेख किया गया है कि समस्या के समाधान हेतु निवेदन करने पर उन्हे आदेश की अवहेलना प्रतीत होती है और अपशब्दों का प्रयोग करते हुये प्राय: यह कहा जाता है कि मैं 05 मंत्री वाले जिले से आया हूँ मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। मैं सेवा से पृथक कर दूँगा एवं एससीएसटी एक्ट के तहत जेल भेज
दूंगा। जहाँ पर 06 महीन जेल में सड़ते रहोगे। जमानत भी नहीं होगी। इतना ही नहीं वरिष्ठ अधिकारियों से मनगढंत शिकायत भी की जाती है कि संविदा कर्मचारियों द्वारा कार्य नहीं किया जाता है। 30 अप्रैल को दोपहर 12 बजे कार्यालय में पदस्थ  रामगोपाल गुप्ता जिला कम्युनिटी मोबिलाईजर (डीसीएम) के साथ भी यही पुनरावृत्ति करते हुये सीएमएचओ ने कहा कि तुम कलेक्टर की बहुत मक्खन पॉलिस करते हो। 30 अप्रेल को  मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को संवाधित पत्र में मनगढंत आरोप लगाते हुये सेवा से पृथक करने का अनुरोधात्मक पत्र भेजा गया है, जिसके हम समस्त साक्षी है।
कार्यकर्ता के साथ भी हो चुकी है घटना
शिकायत में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि टीकाकरण स्थल पर कार्य कर रहीं आंगनबाडी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के साथ अपमान जनक शब्दों का प्रयोग किया था जिससे आंगनबाडी कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध स्वरूप कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट शहडोल को ज्ञापन प्रस्तुत किया गया था।
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