सितंबर मे मई-जून का एहसास

जिले के तापमान मे लगातार हो रही बढ़ोत्तरी, फसल और स्वास्थ्य को नुकसान


उमरिया। मौसम मे अचानक आये परिवर्तन और लगातार बढ़ रहे तापमान के कारण आम जनजीवन पर प्रतिकूल असर पड़ा है। सुबह से ही कड़ी और तेज धूप तथा उमस भरी गर्मी ने नकेवल इंसान बल्कि मूक जीव-जंतुओं की बेचैनी को भी बढ़ा दिया है। वहीं अत्यंत कोमल कही जाने वाली धान की फसल पर भी गंभीर खतरा मंडराने लगा है। जिले मे कल का अधिकतम 35 डिग्री दर्ज किया गया जबकि न्यूनतम पारा 24 के आसपास बना रहा। जानकारों का मानना है कि सितंबर मांह मे पड़ रही गर्मी से फसलों को नुकसान हो सकता है वहीं इसके कारण ग्रामीण और शहरी इलाकों मे नदी-तालाबों मे एकत्र हुआ बारिश का पानी भी सूखना शुरू हो जायेगा। आसमान से बादलों के गायब होने और तापमान बढऩे से किसान भी परेशान हैं। उन्होने बताया कि गर्मी के कारण खेतों का पानी खौलने लगता है,जो धान के लिये अच्छा नहीं है। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष समय पर हुई बेहतर बारिश से जिले मे धान की जमकर बुवाई हुई है। इस फसल मे वैसे भी ज्यादा पानी की आवश्यकता होती है। सांथ ही मौसम मे ठंडक भी जरूरी है। जानकारों का मानना है कि जल्दी ही बारिश न हुई तो हालात और बिगडऩा शुरू हो जायेंगे।
बिजली की खपत मे इजाफा
बारिश बंद होने के चलते अब फंसलों को पानी देने सिचाई पंप शुरू हो गये हैं। वहीं घरों मे कूलर, एसी आदि भी चलने लगे हैं जिससे बिजली की खपत बढ़ गई है। यही कारण है कि जिले के कई इलाकों मे विद्युत आपूर्ति बार-बार बाधित हो रही है। ट्रांसफार्मर जलने की शिकायतें भी आने लगी हैं।
बढ़ा बीमारियों का खतरा
बार-बार सर्द गर्म की वजह से वायरल इंफेक्शन के अलावा मच्छरजनित रोग भी बढऩे लगे हैं। लोगों को बुखार, खांसी, सर्दी, बदन दर्द, उल्टी और डिहाईड्रेशन जैसी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। कहीं-कहीं मलेरिया और टाईफाईड जैसी बीमारियां भी सिर उठाने लगी है। यह भी जानकारी मिली है कि इस तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करने वाले मरीज इलाज कराने अस्तपाल नहीं जा रहे हैं। उन्हे डर है कि कहीं कोरोना की जांच न करवानी पड़ जाय। इससे जिले मे दोहरा संकट खड़ा हो रहा है। ऐसे मे स्वास्थ्य विभाग को घर-घर जांच अभियान चलाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
मौसम विभाग का दावा
वहीं मौसम विभाग का दावा है कि आने वाले एक-आध दिन मे मप्र मे अति निम्न दबाव का क्षेत्र बन सकता है। जिससे ग्वालियर और चंबल संभाग के अलावा जबलपुर, शहडोल, रीवा, सागर, भोपाल, होशंगाबाद, इंदौर, शाजापुर, सतना आदि मे गरज-चमक के सांथ बारिश हो सकती है। इसके अलावा बंगाल की खाड़ी मे कम दबाव का क्षेत्र बनने से राज्य मे एक बार फिर मानसून की गतिविधियां शुरू होने की संभावना है। हलांकि मौसम विभाग का पूर्वानुमान अधिकांशत: सटीक नहीं बैठता।

 

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