सहजन कोल मामले मे स्टाफ नर्स निलंबित
कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने की कार्यवाही, लापरवाही का आरोप
मानपुर/रामाभिलाष त्रिपाठी। कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानपुर की स्टाफ नर्स निर्मला सिंह को अपने कार्य के प्रति लापरवाही एवं उदासीनता बरतने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि मे उनका मुख्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय नियत किया गया है।
बताया जाता है कि 11 मई 2021 को सहजन कोल निवासी ग्राम पतौर तहसील मानपुर की तबियत खराब होने पर 108 एंबुलेंस के माध्यम से मानपुर अस्पताल लाया गया जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई । उनकी मृत्यु उपरांत शव वाहन नही मिलने से उनके परिजनों द्वारा शव को मोटर सायकल में अपने गृह निवास पतौर ले जाने के कारण जांच दल गठित कर रिपोर्ट चाही गई। जिसके परिपालन मे अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मानपुर द्वारा जांच प्रतिवेदन के माध्यम से बताया गया कि 11 मई की सुबह सहजन कोल निवासी ग्राम पतौर तहसील मानपुर को 108 एंबुलेंस के माध्यम से मानपुर अस्पताल लाया गया। जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानपुर की स्टाफ नर्स पदस्थ निर्मला सिंह द्वारा शव को उनके परिजनों को सुपुर्द करने संबंध में लापरवाही करते हुए जानकारी के बिना ही शव को अस्पताल से परिजनो को सौंप दिया गया जिस कारण मृतक के परिजनो को परेशानियों को सामना करना पडा। निर्मला सिंह का उक्त कृत्य उनके पदीय दायित्वो के प्रति लापरवाही, कर्तव्य विमुखता, स्वेच्छाकारिता व अनुशासनहीनता को प्रदर्शित करता है। जो मप्र सिविल सेवा आचरण नियम के तहत कदाचरण की श्रेणी में आता है। जिस पर कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने स्टाफ नर्स निर्मला सिंह को मप्र सिविल सेवा वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील नियम के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उनका मुख्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय नियत किया है। निलंबन अवधि मे उन्हे जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।
बाईक पर ले जाना पड़ा शव
गौरतलब है कि विगत 11 मई को सहजन कोल निवासी ग्राम पतौर को इलाज के लिये सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मानपुर लाया गया था। बताया जाता है कि डाक्टर मौजूद न होने तथा इलाज न मिलने के कारण सहजन की अस्पताल परिसर मे ही तड़प-तड़प कर मौत हो गई थी। मृत्यु के बाद वाहन उपलब्ध न होने से परिजनो को युवक का शव मोटरसाईकल पर बांध कर ले जाना पड़ा। यह मामला देश और प्रदेश भर मे काफी वायरल हुआ था। कलेक्टर द्वारा एसडीएम मानपुर तथा सिविल सर्जन डॉ. बीके प्रजापति की टीम बना कर घटना की जांच के आदेश दिये गये थे।