स्वास्थ्य विभाग के पद बेंचने की फिराक मे एनजीओ
आउट सोर्सिग की भर्तियों मे फर्जीवाडा, विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से बेरोजगारों को दिया जा रहा धोखा
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश
उमरिया
शासन ने सरकारी विभागों मे खाली पडे पदों को भरने की बजाय आउटसोर्सिग का नया फार्मूला निकाला है। जिसके जरिये कम पैसे मे अस्थाई कर्मचारियों की भर्ती कर कार्यो को संचालित किया जा सके, परंतु यह प्रक्रिया भी एनजीओ को सौंप दिये जाने से धांधली की गुंजाईश काफी बढ गई है। कई एनजीओ भर्तियों से लेकर वेतन तक मे भारी फर्जीवाडा कर रहे हैं। इतना ही स्थानीय युवाओं के सांथ धोखाधडी कर बाहरी लोगों को पद बेंचे जा रहे हैं। हाल ही मे स्वास्थ्य विभाग मे ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमे संबंधित एनजीओ ने न तो भर्तियों के विज्ञापन निकाले, और नां ही अन्य जानकारियों को ही प्रकाशित किया। इसके वजह से जिले के अधिकांश बेरोजगारों को इसकी भनक तक नहीं लगी। देर से खबर मिलने के बाद जिन लोगों ने आनन-फानन मे आवेदन भरे, पर उन्हे भी निरस्त कर दिया गया। वैसे भी जिले के स्वास्थ्य विभाग मे धांधली कोई नई बात नहीं है। लंबे समय से दलालों ने विभाग पर कब्जा जमा रखा है। वरिष्ठ अधिकारी और बाबुओं की सांठगाठ से सरकारी योजनाओं मे कमीशनबाजी का खेल किसी से छिपा नहीं है। यही कारण है कि बडी से बडी गडबडी उजागर होने के बाद भी अधिकारी उस पर कोई एक्शन नहीं लेते।
इस तरह हुआ खेला
बताया जाता है कि राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंर्तगत जिले मे 4 परामर्शदाताओं की भर्ती की जानी थी। जिसके लिये विभाग से अनुबंधित संस्था दर्शना महिला कल्याण समिति छतरपुर ने बडे ही गोपनीय तरीके से कार्यवाही शुरू की। नियमानुसार किसी भी भर्ती के लिये सूचना या विज्ञापन का प्रकाशन समाचार पत्रों मे कराया जाना चाहिये, ऐसा नहीं करके संस्था ने विज्ञापन जिले के कुछ व्हाट्सप ग्रुप मे डाल दिया। इतना ही नही इस संस्था ने जानबूझ कर विज्ञापन पर गलत ई-मेल आईडी अंकित की, जिससे जिले के बेरोजगार आवेदन कर भी लें तो वह सही स्थान पर पहुंचे ही नहीं। इस तरह से युवाओं को नकेवल धोखा दिया गया बल्कि उनके सांथ भद्दा मजाक भी किया गया है।
दर्शना के सांथ रहंगडाले की भी संदिग्ध भूमिका
सूत्रों के मुताबिक दर्शना महिला कल्याण समिति छतरपुर के आमंत्रण पर विगत 29 अप्रेल को नगर के कृष्णा गार्डन मे इंटरव्यू रखा गया, जिसमे वे लोग ही आये जिन्हे संस्था द्वारा बुलाया गया था। इनमे से जिले के केवल 5 अभ्यर्थी थे। मजबूरी मे उनका इंटरव्यू तो लिया गया पर परिणाम बाद मे बताने की बात कह कर चलता कर दिया गया। 30 अप्रैल को 5 बजे अचानक जिले के अभ्यर्थियों को फोन से सूचना दी गई कि 1 मई को भोपाल आ कर स्किल टेस्ट दें। देर से भोपाल आने की जानकारी मिलने के कारण वहां किसी तरह केवल 3 आवेदक ही पहुंच सके, जिनमे से 1 का सेलेक्शन हुआ, बाकी 2 को फेल कर दिया गया। स्किल टेस्ट मे शामिल अभ्यर्थियों के अनुसार वे राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत निधारित प्रक्रिया मे पूरी तरह सफल रहे। ट्रेनरों ने भी उनका टेस्ट सही होने की जानकारी दी थी, इसके बावजूद दो लोगों को असफल घोषित कर दिया गया। बाद मे अनुबंधित संस्था ने सिर्फ 1 अभ्यर्थी को ही इस टेस्ट में सफल होने की सूचना दी। इस गडबडझाले मे जिला चिकित्सालय मे राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के कॉउसलर बुद्धराम रहंगडाले की भी संदिग्ध भूमिका है।
कराई जायेगी मामले की जांच
यह मामला आपके द्वारा संज्ञान मे लाया गया है। इसकी जांच कराने के उपरांत दोषी पाये जाने पर संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।
धरणेन्द्र कुमार जैन
कलेक्टर, उमरिया