बैंक कर्मचारियों के पेंशन पे-आउट की सीमा बढ़ाकर की जा सकती है 30,000 से लेकर 35,000 रुपये तक
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने सरकारी बैंकों के वित्तीय प्रदर्शन की समीक्षा की। साथ ही कोरोना वायरस महामारी के कारण आर्थिक वृद्धि को हुए नुकसान से उबरने के लिए सरकारी बैंकों की ओर से उठाए गए कदमों की प्रगति की समीक्षा भी की। साल 2020 में कोरोना संकट की शुरुआत के बाद यह वित्त मंत्री सीतामरण की मुंबई की पहली यात्रा है, जिसमें उन्होंने बैंकों के प्रमुखों से मुलाकात की है। वित्त मंत्री सीतारमण ने कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज के प्रमुखों के साथ बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार नीतियों में स्पष्टता को सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि संयुक्त तौर पर सभी सरकारी बैंक काफी अच्छा काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने देश के पूर्वी क्षेत्र में करंट और सेविंग अकाउंट्स में बढ़ते जमा पर चिंता जताई है। इस पर बैंकों से पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के लिए विशेष योजना तैयार करने को कहा गया है। इस दौरान उन्होंने बताया कि सरकारी बैंकों के कर्मचारियों के निधन पर परिवार को मिलने वाली पेंशन में अंतिम टेक होम सैलरी के 30 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर दी गई है। राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा कि सरकार इच्छुक कंपनियों से डायरेक्ट ओवसीज लिस्टिंग पर चर्चा कर रही है। वहीं, वित्त सेवा विभाग के सचिव ने कहा कि बैंक कर्मचारियों के पेंशन पे-आउट की सीमा 9284 रुपये से बढ़ाकर 30,000 से लेकर 35,000 रुपये तक की जा सकती है। उन्होंने बताया कि एनपीएस के तहत कर्मचारियों की पेंशन में सरकारी बैंकों के योगदान को 10 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी कर दिया गया है।
सरकारी बैंक के कर्मचारी के निधन पर परिवार को मिलेगी 30 फीसदी ज्यादा पेंशन
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