शहडोल। जिले की जैसीनगर जनपद मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत दादर में अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति के तहत सघन बस्ती विकास योजना के अंतर्गत उप स्वास्थ्य केंद्र निर्माण हेतु 24 लाख रुपए स्वीकृत थे, व कार्य का निर्माण पंचायत मद से होना था, जबकि उक्त कार्य प्रारंभ भी हुआ व निर्माण कार्य के लिए रुपए भी आहरित की गई, किंतु कार्य की जो वस्तु स्थिति वर्तमान में है व कार्य हेतु जितनी राशि आहरित की गई है, उन दोनों में जमीन आसमान का अंतर हैl 11 लाख रुपए हो चुके हैं खर्च:- मौका स्थल पर यदि कार्य की रूपरेखा देखी जाए तो उप-स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कार्य महज नींव-प्लेंथ निर्माण तक ही पहुंचा है, किंतु सरपंच सचिव उक्त निर्माण कार्य के लिए 11 लाख रुपए आहरित कर चुके हैं, जिससे ऐसा लगता है या तो निर्माण में प्रयुक्त सामग्रियों का जो राशि दर है, व आसमान को छूने लगा है या फिर पंचायत विकास कार्य हेतु स्वीकृत राशि को ग्राम पंचायत के जिम्मेदार अपनी ही संपत्ति समझते हैंl यदि निर्माण हेतु क्रय की गई सामग्रियों पर दृष्टि डाली जाए तो सामग्रियों की जितनी खरीदी दर्शाई गई है, शायद उक्त निर्माण कार्य में अब सामान्यतः पहले जो निर्माण कार्य होते थे, उससे कहीं अधिक कई गुना सामग्री लगने लगी है, यदि उप-स्वास्थ्य निर्माण कार्य की वास्तविक जांच की जाए तो सरपंच सचिव व निर्माण कार्य के जिम्मेदार सभी भ्रष्टाचार के दायरे में आ सकते हैंl निर्माण कार्य का नहीं हुआ मूल्यांकन- जहां सामान्यतः यह नियम होता है कि, यदि कोई भी सरकारी कार्य मूलतः निर्माण से संबंधित कार्य किया जाता है, तो उक्त कार्य क्षेत्र के इंजीनियर द्वारा निर्माण का मूल्यांकन किया जाना आवश्यक होता है, व मूल्यांकन के पश्चात ही शासकीय राशि आहरित की जा सकती है, किंतु ग्राम पंचायत दादर में जिस उप-स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण कार्य में बिना इंजीनियर के मूल्यांकन के ही मात्र प्लेंथ निर्माण तक में ही 11 लाख की राशि निकल गई व निर्माण कार्य देख रहे जिम्मेदारों में परस्पर उस राशि का वितरण भी हो गयाl जहां एक ओर कोविड-19 से पूरा देश जूझ रहा है तो दादर पंचायत में निर्माण कार्य के नाम पर अपना स्वार्थ साधने में पंचायत के प्रति उत्तरदाई कोई कसर नहीं छोड़ रहे।
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