संसदीय रिपोर्ट पर विचार करे सरकार

यूपीएससी परीक्षा मे अतिरिक्त मौके के मामले मे सुप्रीम कोर्ट ने दिये सुझावात्मक निर्देश
नई दिल्ली।सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सुझावात्मक निर्देश देते हुए कहा कि वह संसदीय समिति की सिफारिश वाली रिपोर्ट पर विचार करते हुए ही यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में अतिरिक्त मौका देने और उम्र सीमा में छूट देने के फैसले पर निर्णय करे। कोरोना महामारी से संक्रमित होने के कारण यूपीएससी सिविल सेवा (UPSC Civil Services) की मुख्य परीक्षा देने से चूके उम्मीदवारों की एक और मौका देने और उम्र सीमा में छूट देने की मांग के साथ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। मामले में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार और संघ लोक सेवा आयोग की ओर से पिछले हफ्ते शीर्ष अदालत को बताया था कि यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में अतिरिक्त प्रयास संभव नहीं है। जवाबी हलफनामे में कहा गया कि अतिरिक्त प्रयास का मौका देना और उम्र सीमा संबंधी नियमों में बदलाव करना आसान प्रक्रिया नहीं है। अगर ऐसा किया भी जाता है तो भविष्य में गलत परंपरा भी शुरू हो सकती है।
वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने किया हस्तक्षेप
हालांकि, गुरुवार को मामले में दखल देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट को संसदीय समिति की एक हालिया रिपोर्ट से अवगत कराया। संसदीय समिति की 24 मार्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 की पहली और दूसरी लहर के दौरान छात्र वर्ग को हुई कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए, केंद्र सरकार को अपना विचार बदलने और सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) उम्मीदवारों की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की जरूरत है। समिति सभी उम्मीदवारों को संबंधित आयु में छूट के साथ एक अतिरिक्त प्रयास प्रदान करने की सिफारिश करती है।
कोर्ट ने सरकार को दिया पुनर्विचार का मौका
इसके बाद मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस एएस ओका और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने सरकारी वकील ने पूछा कि क्या सरकार ने फैसला लेने से पहले इस समिति की रिपोर्ट पर विचार किया था? जब केंद्र सरकार की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि उनके पास इस बारे में जानकारी नहीं हैं। तो अदालत ने कहा कि आप इस सिफारिश के आलोक में उम्मीदवारों की मांग पर विचार कर सकते हैं।
 सरकार अपना विचार बदल सकती है
सुप्रीम कोर्ट ने  केंद्र से कहा कि वह संसदीय समिति की रिपोर्ट में हाल में की गई सिफारिश के मद्देनजर अभ्यर्थियों को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में एक और मौका देने पर विचार करे। सरकार अपना विचार बदल सकती है। पीठ ने याचिकाकर्ताओं और हस्तक्षेपकर्ताओं को संबंधित प्राधिकारियों को प्रतिवेदन देने को कहा, जो समिति की रिपोर्ट के आधार पर मामले में विचार करेंगे। कोर्ट उचित निर्णय लेने के लिए उपयुक्त प्राधिकारी को निर्देश के साथ इस याचिका को निस्तारित कर दिया।
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