10 दिन मे खत्म हो सकता है मानसून सत्र, 2 मंत्रियों समेत 30 सांसद पॉजिटिव
नई दिल्ली। महामारी के बीच चल रहे संसद के पहले सत्र को छोटा किया जा सकता है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के सूत्रों के मुताबिक सरकार १८ दिन के मानसून सत्र को कोरोना की ङ्क्षचताओं की वजह से छोटा करने पर विचार कर रही है। १४ सितंबर से शुरू हुए सत्र को १० दिन में यानी अगले हफ्ते के बुधवार को खत्म किया जा सकता है। सांसद और संसद के कर्मचारी लगातार पॉजिटिव निकल रहे हैं। इसलिए, प्रमुख नेताओं में इन्फेक्शन फैलने का डर है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और प्रह्लाद पटेल समेत करीब ३० सांसद पहले ही संक्रमित हो चुके हैं, इसलिए चिंता और बढ़ गई है।
ज्यादातर पार्टी सत्र
छोटा करने के पक्ष मे
१४ सितंबर से शुरू हुए मानसून सत्र का समय वैसे १ अक्टूबर तक है। उम्मीद है कि सभी अहम बिल पहले ७ दिन में ही पास हो जाएंगे। एक वरिष्ठ सांसद ने बताया कि अगर कुछ बिलों के साथ-साथ सभी अध्यादेश पास हो जाते हैं तो भी सत्र का समय घटाने का फैसला लिया जा सकता है। लोकसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की शनिवार को हुई मीङ्क्षटग में भी ज्यादातर पार्टी सत्र छोटा करने के पक्ष में नजर आईं। आखिरी फैसला संसदीय मामलों की कैबिनेट कमेटी लेगी।
भाजपा से सबसे ज्यादा १२ सांसद संक्रमित
लोकसभा के संक्रमित सांसदों में भाजपा के सबसे ज्यादा १२ हैं। ङ्घस्क्र कांग्रेस के २, जबकि शिवसेना, डीएमके और आरएलपी के १-१ सांसद संक्रमित हैं। भाजपा के राज्यसभा सांसद विनय सहबुद्धे ने भी शुक्रवार को अपने पॉजिटिव होने की जानकारी दी। बाकी संक्रमित सांसद किस-किस पार्टी के हैं, इस बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है।
पहली बार शनिवार-रविवार को भी चली संसद
कोरोना की वजह से इस बार संसद के सत्र में कई बातें पहली बार हो रही हैं। जैसे- सेशन बिना किसी छुट्टी के लगातार चलाने का फैसला लिया गया है। सांसद बैठे-बैठे ही सवाल कर रहे हैं। लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही अलग-अलग पारियों में चल रही है। सोशल डिस्टेंसिंग रखने के लिए एक सदन की कार्यवाही में दूसरे सदन की गैलरी का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
राज्यसभा से महामारी संशोधन
विधेयक 2020 पास
संसद में मानसूत्र के छठवें दिन शनिवार को राज्यसभा में महामारी रोग संशोधन विधेयक, २०२० पारित किया गया। इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि स्वास्थ्य पेशेवरों के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए बिल की आवश्यकता थी। विधेयक में महामारी के दौरान देश में डॉक्टर्स, नर्स, आशा कार्यकर्ताओं की सुरक्षा, जबकि हमला करने वालों के लिए सजा का प्रावधान है। १२३ साल पुराने कानून में केंद्र सरकार ने बदलाव किया है। इसके तहत डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने वालों को अधिकतम ७ साल तक की सजा हो सकती है। हमला करने वालों पर ५० हजार से २ लाख के जुर्माने का प्रावधान है। इसके अलावा ३ महीने से ५ साल की सजा भी हो सकती है। जबकि गंभीर चोट के मामले में अधिकतम ७ साल की सजा हो सकती है। ये गैरजमानती अपराध होगा। इस बीच, केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि लॉकडाउन के दौरान चलाई गई श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में ९७ प्रवासी मजदूरों की सफर के दौरान मौत हुई। गोयल ने कहा कि ये आंकड़े राज्य सरकारों की ओर से मिले हैं।
मरीजों का आंकड़ा 53.12 लाख हुआ
देश में अब तक कोरोना के कुल ५३ लाख १२ हजार ५३७ केस आ चुके हैं। इनमें से ४२ लाख ८ हजार २०१ लोग ठीक हो चुके हैं। १० लाख १५ हजार ९८१ मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि कुल ८५ हजार ६५० लोग जान गंवा चुके हैं।