महीनो के मेंटीनेन्स और करोड़ों खर्च के बावजूद बार-बार ठप्प हो रही इकाईयां
उमरिया। जिले का संजय गांधी ताप विद्युत केन्द्र इन दिनो एक बार फिर सुर्खियों मे है। इसका कारण बिजली का उत्पादन नहीं बल्कि बड़े पैमाने पर की जा रही धांधलियां हैं, जिसके चलते कभी मप्र के सांथ देश को रौशन करने वाला यह संयंत्र धीरे-धीरे खुद ही अंधेरे मे डूबता जा रहा है। संयंत्र मे मेंटीनेन्स के नाम पर अधिकारी और ठेकेदार मिल कर करोड़ों रूपये का फर्जीवाड़ा कर रहे हैं, जिससे से इकाईयां आये दिन ठप्प हो रही हैं। बताया गया है कि कुछ महीने पहले संयंत्र की सभी इकाईयों को 1-1 महीने तक बंद रख कर उनका मेंटीनेन्स किया गया था। इस कार्य पर कई कई करोड़ रूपये खर्च किये गये परंतु जब सितंबर के अंत मे इन्हे चालू किया गया तो कोई इकाई 4 दिन तो कोई हफ्ता भर भी ढंग से नहीं चल पाई। यह पहला मौका नहीं है, जब संयंत्र मे इस तरह के हालात पैदा हुए हैं, कई बार ऐसा हुआ है जब उत्पादन के समय संयंत्र टें बोल गये। इसके बावजूद ना तो ऊर्जा विभाग और नां ही सरकार द्वारा इसके बारे संज्ञान लिया गया। इससे साफ है कि भ्रष्टाचार की गंगा भले ही मंगठार से निकलती हो पर पहुंचती दूर तक है।
सिर्फ 49 घंटे चली यूनिट
जानकारों का दावा है कि संयंत्र की 3 नंबर यूनिट जिसे एक महीने तक मेंटीनेन्स कर तैयार किया गया था। चालू होते ही ठप्प हो गई। 6 अक्टूबर को दोपहर 1 बजे से रात 1 बजे तक तीन यूनिटें बन्द हुई। जिनमे 210 मेगावाट की दो और 500 मेगावाट की पांचवीं यूनिट शामिल है। 210 मेगावाट की चौथी यूनिट 13 अक्टूबर को 11.20ं पर ठप्प हो गई। 49 घण्टों मे जब इसे दोबारा चालू किया गया तो यह सिर्फ पांच दिन चलने के बाद कल 20 अक्टूबर को शाम 5 बजे बॉयलर ट्यूब लीकेज के कारण फिर से बंद हो गई।
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